गोंडाPublished: Jan 20, 2022 08:17:06 pm
Mahendra Tiwari
पीड़िता ने शासन से जिम्मेदारों पर कार्यवाही मांग की गोंडा नसबंदी के बाद गर्भवती हुई एक महिला ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूरे प्रकरण को उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। जिससे विभाग के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। महिला गर्भ में पल रहे शिशु की परवरिश व खर्च के लिए न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रही है।
जिले के नगर कोतवाली के गांव डिहवा तेलियानी उपाध्याय निवासिनी एक महिला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरी कृपाल पर बीते मार्च माह में नसबंदी कराई थी। नसबंदी के कुछ दिनों बाद वह गर्भवती हो गई। उसने बताया कि नसबंदी कराने के बाद उससे इसका एहसास नहीं था। जब उसने इसकी जांच कराई तो पता चला कि वह गर्भवती है तथा उसके गर्भ में करीब 7 माह का शिशुपाल रहा है। इसकी जानकारी होने पर वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची जहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसकी कोई फरियाद नहीं सुनी। उसने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी नसबंदी विभाग के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही पूर्वक की गई है। जिसका परिणाम है कि वह गर्भवती हो गई। पीड़िता के पति राजकुमार ने बताया कि सरकार एक तरफ जनसंख्या पर रोक लगाने की बात कर रही है। वही जो लोग इसके लिए खुद जागरूक हैं। स्वयं परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करा रहे हैं। तो यहां पर नसबंदी के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसकी भुक्तभोगी मेरी पत्नी हो चुकी है। हम विभाग के ऊपर बच्चे की परवरिश सहित सारा हर्जाना यदि विभाग नहीं अदा करता है। तो हम कोर्ट की शरण लेंगे। उन्होंने प्रशासन से ऐसे लापरवाह चिकित्सकों पर कार्यवाही करने की भी मांग की है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक ने बताया यह पिछले साल का मामला है। उस समय हम यहां तैनात नहीं थी। मामला संज्ञान में आने पर उसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। आगे जो भी दिशानिर्देश मिलता है। उस हिसाब से विभाग कार्यवाही करेगा। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि महिला गर्भवती है तो उसकी डिलीवरी कराने के बाद फिर से उसकी नसबंदी की जाएगी।/data/user/0/com.samsung.android.app.notes/files/clipdata/clipdata_bodytext_220120_184840_447.sdocx