योग के जन्मदाता महर्षि पतंजलि कैसे हुए अंतर्ध्यान, जाने इसके रहस्य, कोडर झील का आकार क्यों है, सर्पाकार
गोंडाPublished: Dec 02, 2022 10:21:09 pm
योग के जन्मदाता महर्षि पतंजलि पर्दे के पीछे से अपने शिष्यों को योग की शिक्षा देते थे। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इनकी जन्मस्थली गोंडा जनपद के वजीरगंज कस्बा स्थित कोडर झील के तट पर स्थित है।


महर्षि पतंजलि की छोटी सी प्रतिमा
महर्षि पतंजलि पाणिनि के शिष्य थे। एक जनश्रुति के अनुसार महर्षि पतंजलि अपने आश्रम पर शिष्यों को पर्दे के पीछे से शिक्षा दे रहे थे। किसी शिष्य ने अपने गुरु का मुख नहीं देखा था। एक दिन एक शिष्य ने पर्दा हटा कर उन्हें देखना चाहा, तो वह शेषनाग का अवतार होकर अंतर्ध्यान हो गए। महर्षि पतंजलि को शेषनाग का अवतार भी माना जाता है। मान्यता है कि वह सर्प के आकार होकर कोडर झील होते हुए गए। इसलिए झील का आकार आज भी सर्पाकार है।