गोंडा जनपद की सबसे पुरानी नगर पंचायत कटरा बाजार के बिस्तार होने के बाद से ही राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। क्षेत्र की चार ग्राम पंचायतों वीरपुर,चरेरा,बाबूपुर व मझौवा को नगर पंचायत में शामिल किया गया है। इससे पूर्व में नगर पंचायत में करीब 5600 मतदाता थे। विस्तार के बाद करीब 16426 मतदाता हो गए है। जो आगामी निकाय चुनाव में सियासत बदल सकते हैं।
नगर पंचायत कार्यालय
ब्रिटिश हुकूमत के समय की जिले की सबसे पुरानी टाउन एरिया होते हुए भी समुचित विकास नहीं हो सका। 23 मार्च 1877 में इसे नगर पंचायत का दर्जा मिला था। जिसमें अंग्रेजों के बतौर प्रशासक के रूप मे पाचू दयाल रस्तोगी को बनाया गया। आजादी के बाद चुनाव प्रकिया लागू होते ही बैजनाथ रस्तोगी के बाद अर्जुन कलवार और फिर बेनी राम तिवारी अध्यक्ष बने।
नगर पंचायत परिसर IMAGE CREDIT: Patrika original 55 वर्षों तक एक ही समुदाय से बनते रहे अध्यक्ष वर्ष 1967 मे मुस्लिम समुदाय से अब्दुल बासित चेयरमैन के पद पर चुने गये। 1971 से 1976 तक मकबूल अहमद वहीं वर्ष 1976 से 1988 तक सुपर सीट रही है।1988 में हुए चुनाव में मकबूल ने बाजी मारी। वर्ष 1993 से 1995 तक सुपरशीट रही है। 1995 से 2000 तक निसार अहमद,2000 से 2005 तक सिराजुल निशा चुनी गई।2005 से 2006 तक सुपरशीट 2006 से 2011 तक मुजीबुल हसन अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2011 व 2012 में सुपरशीट हो गयी।2012 से 2017 तक मुजीबुल हसन उसके बाद 2018 में नगर की जनता शाहजहाँ बानो को अध्यक्ष चुना गया जो अब तक अपने पद पर विराजमान हैं।
नगर पंचायत की अधूरी पड़ी कान्हा गौशाला IMAGE CREDIT: Patrika original नए परिसीमन से यहां की सियासत में हो सकता परिवर्तन कटरा नगर पंचायत में जिन पंचायतों को जोड़ने की तैयारी पर काम किया गया है। वहां हिंदू की आबादी करीब 70 प्रतिशत है। 2011 की जनगणना के अनुसार कटरा नगर की आबादी करीब 8108 है। जिसमे करीब 5600 मतदाता है। इसमे मुस्लिम आबादी कुल आबादी की दो तिहाई है।
वही जिन गांवों को नगर में सम्मिलित किया गया है। उनमें बीरपुर गांव की आबादी 5436,चरेरा की 1447,मझौवा की 2676 व बाबूपुर की 2874 है। शामिल हुई चारों पंचायत के मतदाता की संख्या करीब 9700 से अधिक है। जिसमे मुस्लिम मतदाता करीब 2250 है।
मैजापुर चीनी मिल दौरे के बाद मुख्यमंत्री के नजर मे था कटरा बाजार कटरा बाजार के बिस्तार की नींव नवंबर 2021 मे मैजापुर चीनी मिल मे एथेनॉल प्लांट के शिलान्यास के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रख दी थी। पिछले जिलापंचायत व प्रधानी के चुनाव के बाद से ही राजनीति रसूख के लोग कुछ चुने हुए पंचायत को मिलाने की कवायद शुरू कर दी थी।सत्ता का पूरा लाभ लेते हुए सफल भी रहे। सबसे पुरानी नगर पंचायत होने बाद नगर के लोग शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं ना के बराबर मिल रही थी। नगर पंचायत के पास अपना कोई स्कूल नहीं है। विस्तार के बाद लोगों को उम्मीद है कि अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी।