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यहां सरकारी विभाग ही नहीं दे रहे हाउस टैक्स, 12 करोड़ 50 लाख का टैक्स है बकाया

locationगोंडाPublished: Jan 04, 2019 05:32:15 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

सरकार कर रही कर सुधार, जिम्मेदार कर रहे बंटाधार।
 

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यहां सरकारी विभाग ही नहीं दे रहे हाउस टैक्स, 12 करोड़ 50 लाख का टैक्स है बकाया

गोण्डा. योगी सरकार जहां विकास की बात कर रही है और हर गांव में बिजली पहुंचाने की बात कर रही है तो वहीं उन्हीं की सरकार में सरकारी महकमा समय से टैक्स भी नहीं दे रहे हैं। सरकार एक तरफ कर को सुधारने के लिए प्रयास करती रहती है, लेकिन वहीं सरकारी महकमा ही टैक्स देने में लापरवाह नजर आ रहे हैं।
जिले में करीब सात साल से सरकारी विभाग हॉउस टैक्स नगर पालिका को नहीं दे रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक सरकारी विभागों पर लगभग बारह करोड़ से ऊपर का गृह कर बकाया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सरकारी महकमा ही इतना लापरवाह है तो फिर सरकार आम लोगों को कैसे टैक्स देने के लिए प्रेरित करेगी। करोड़ो का बकाया होने से नगर पालिका की स्थिति भी
नाजुक हो चुकी है। जिले का सरकारी महकमा जो पिछले सात सालों से हॉउस टैक्स नहीं अदा कर रहे
हैं। इसके चलते विभागों पर अब तक नगर पालिका का बारह करोड़ से ऊपर का गृह कर बकाया हो गया है। पालिका भी यह मानता है कि गृह कर और जल कर इनका मुख्य राजस्व है। बकायेदारों में जिला अस्पताल का लगभग 46 लाख 36 हजार, महिला अस्पताल का लगभग 38 लाख 76 हजार, उप्र पावर कार्पोरेशन का लगभग 2 करोड़ 15 लाख, उप्र पावर ट्रांसमिशन का लगभग 1 करोड़ 47 लाख,
सिचाई विभाग का लगभग 26 लाख, कोतवाली नगर 20 लाख 91 हजार, वन विभाग का लगभग 30 लाख 58 हजार, उपश्रमायुक्त देवीपाटन मंडल का 11 लाख 23 हजार, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण देवीपाटन मंडल का 19 लाख 69 हजार, जैसे तमाम सरकारी विभागों का गृह कर बकाया है। जब टैक्स देने में सरकारी महकमा ही इतना लापरवाह है तो नगर पालिका किस तरह से स्वयं को और नगर के लोगों को फायदा पहुँचाएगी।
अधिशासी अधिकारी बोले
इस बारे में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विकास सैनी ने बताया कि सरकारी विभागों का लगभग 12 करोड़ 50 लाख रुपये हॉउस टैक्स बकाया है। जब उनसे जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के विषय में पूछा गया कि क्या उनका भी गृह कर बकाया है तो आंकड़ा न बताते हुए उन्होंने कहा कि बिलकुल बकाया है। हम इनको भी नोटिस भेज रहे हैं और विभागों से पक्ष की मांग कर रहे हैं। जल्द ही उनका पक्ष लेकर निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी।

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