आखिर मुख्यमंत्री व बड़े अधिकारियों के आने पर कोविड एल-2 के सामने क्यों लगा दिया जाता पर्दा, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान
गोंडा जिले के 40 लाख आबादी के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के परिजन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं। जलभराव भीषण गंदगी बड़ी- बड़ी झाड़ियां के साथ-साथ कोविड हॉस्पिटल का मेडिकल कचरा इनके आवास के सामने खुले में फेंका जाता है।अपना दर्द यह किससे कहें जब मुख्यमंत्री या बड़े अधिकारियों के आने पर पर्दा लगा कर इन्हें घरों में कैद कर पुलिस का पहरा बैठा दिया जाता है।
गोंडा
Published: May 27, 2022 03:00:06 pm
बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय के पीछे बने नवनिर्मित कोविड एल-2 अस्पताल के ठीक सामने स्वास्थ्य कर्मियों के रहने के लिए आवास बने हैं। इस कॉलोनी की दुर्दशा देखकर हर कोई हैरान हो जाएगा। करीब एक दशक से इस कॉलोनी में जल निकासी की व्यवस्था ना होने के कारण लॉन्ड्री का गंदा पानी इनके घरों के सामने जमा होता। घरों तक पहुंचने के लिए इन्हें इस गंदे पानी के बीच से ही प्रतिदिन गुजारना पड़ता है। आए दिन कोई ना कोई गिरकर चोटिल भी हो जाता है। बड़ी बड़ी झाड़ियां होने के कारण जहरीले सांपों ने अपना बसेरा बना लिया है। कर्मचारियों के परिजनों का कहना है कि घरों में भी यह सांप आए दिन घुस जाते हैं। हम लोग अपनी जिंदगी हथेली पर रखकर इस कॉलोनी में रहने के लिए विवश हैं। कॉलोनी में रहने वाली मीरा देवी बताती हैं कि लॉन्ड्री सहित पूरे अस्पताल का पानी इसी कॉलोनी के परिसर में जमा होता है। यहां आज तक जल निकासी की कोई व्यवस्था ना होने के कारण यह समस्या बराबर बनी हुई है। रास्ते पर जलभराव होने के कारण एक दिन जाते वक्त गिर कर फिसल जाने के कारण मेरा पैर भी टूट गया। इस गंदगी के कारण हम लोग घरों में कैद हो गए हैं। यहां पर इतने मच्छर लग रहे हैं। कि हम लोग रात को नींद भर सो भी नहीं पाते हैं। कॉलोनी में रहने वाली पल्लवी यादव बताती हैं कि यहां की दुर्दशा देखने वाला कोई नहीं बड़े अधिकारी या नेता कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर चले जाते हैं। कोरोना काल के दौरान पूरे अस्पताल का कचरा हम लोगों के घरों के सामने फेंक दिया जाता था। कई बार हम लोगों ने जब इसकी शिकायत किया तो वह लोग लड़ाई पर उतारू हो जाते हैं कि हम इसे कहां लेकर जाएं। यहां तक की एक डस्टबिन भी नहीं रख दी जाती है कि सारा कचरा उसमें रखा जाए। यह मेडिकल कचरा खुले में फेंका जा रहा है। परिवार के तमाम लोग संक्रामक बीमारियों के शिकार भी हो चुके हैं। पूरे अस्पताल परिसर में पानी टंकी के माध्यम से जो सप्लाई की जाती है। वह पानी भी प्रदूषित हो चुका है। उसके पीछे यह समस्या है कि पंप की जो बोरिंग है। वह हमेशा जलभराव में डूबी रहती है उसके आसपास गड्ढे हैं जिससे गंदा पानी शोषित हो कर जाता है एक प्रश्न के जवाब में पल्लवी ने बताया कि जब मुख्यमंत्री आए थे। अब इधर पूरा पर्दा लगा दिया गया था। हमारे घरों के सामने व छतों पर पुलिस बैठा दी गई थी। हम लोग सीएम को यह समस्या बताना चाहते थे। लेकिन हमें जाने नहीं दिया गया।

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