ये था मामला थाना वजीरगंज क्षेत्र के गेड़सर गांव के रहने वाले सुुखराम ने बताया कि उसने अपनी बहन शीला देवी की शादी आठ मार्च 2009 को थाना तरबगंज क्षेत्र के चंदीपुर गांव के रहने वाले महेश के साथ की थी। शादी के बाद शीला देवी ने एक के बाद एक तीन बेटियों को जन्म दिया।सुरखराम ने बताया कि शीला को पहली बेटी वर्ष 2011 में हुई जो अब आठ साल की साक्षी है। इसी के बाद दूसरी बेटी निधि पांच साल की व तीसरी बेटी आठ माह की माही है। तीन बेटियों के जनने से ससुराल वाले बेटे की चाहत में शीला के पति महेश की दूसरी शादी करने का दबाव बनाते रहे।
आरोप है कि 8 अप्रैल को ससुराल वालों ने शीला को मारापीटा। इसके बाद रस्सी से गला दबाकर शीला की हत्या कर दी। ससुराल वालों ने साक्ष्य छिपाने के लिए मायके वालों को सूचना दिए बगैर शव को जला दिया।
सुरखराम ने बताया कि बहन के हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने वह थाना तरबगंज गया और पति महेश समेत चार लोगों के खिलाफ तहरीर दी तो पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। थानाध्यक्ष तरबगंज संजय दुबे ने बताया कि शीला का अंतिम संस्कार मायके वालों की मौजूदगी में किया गया है। मगर तहरीर मिली है तो मामले की जांच की जा रही है।