यह विचार देवीपाटन मंडल के आयुक्त एसवीएस रंगाराव ने जीआईसी इंटर कॉलेज में जिला विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित स्वच्छ पेयजल गुणवत्ता, परीक्षण, उपयोग और सुरक्षित भंडारण तथा जल श्रोतों के संरक्षण पर वैज्ञानिक व्याख्यान व प्रदर्शनी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में व्यक्त किए।
कार्यक्रम में जिले के २० इंटर कॉलेज से आए प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए मण्लायुक्त ने कहा कि उन सबकी यह उम्र मेहनत करने और सही निर्णय लेते हुए लक्ष्य निर्धारित कर उसके लिए पूरी लगन के साथ काम करने की है। वे सब बड़े सपने देखें और उन्हें हासिल करने के लिए जी-जान लगा दें और बुलन्दियां हासलि करके रहें। जल संचयन के बारे में उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि देवीपाटन मंडल में वाटर लेबल तो काफी ऊपर है, परन्तु यहां के जल में आर्सेनिक मात्रा अधिक होने के कारण जल जनित तमाम बीमारियों से लोगों को परेशान होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मण्डल के ऐसे चिन्हांकित गांवों में जल निगम व विश्व बैंक के सहयोग से पाइप्ड पेयजल योजनाएं संचालित कर पेयजल मुहैया कराने का काम चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि घटता वाटर लेबल और दिनों-दिन भूगर्भ जल के दूषित होने का स्तर बढ़ता ही जा रहा है, जो चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के प्रति बरसात के दिनों में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत होती है।
कार्यक्रम के दौरान जिला विज्ञान क्लब की अध्यक्ष डॉ. रेखा शर्मा ने मण्डलायुक्त का स्वागत करते हुए कहा कि जिला विज्ञान क्लब गोंडा द्वारा तमाम उपलब्धियां हासिल की गई हैं। कई लाख छात्र-छात्राएं आज विश्व के अनेक देशों में बतौर बाल वैज्ञानिक काम कर रहें हैं। यह जिले के लिए गौरव की बात है। क्लब की अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में जिले के २० इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा जलज संचयन सम्बन्धी पोस्टर, निबन्ध और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं, जिसमें विजेता प्रतिभागी बच्चों को कार्यक्रम के दौरान मण्डलायुक्त व अन्य अधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया। कॉलेज कैम्पस में विभिन्न विद्यायलों द्वारा जल संचयन एवं शुद्धीकरण सम्बन्धी विभिन्न नवाचारों के स्टॅाल लगाए। सहायक निदेशक सूचना द्वारा समस्त स्टालों का निरीक्षण कर विजेता घोषित किए गए। नवाचार करने वाले प्रतिभागी बच्चों को भी मेडेल व प्रशस्ति देकर सम्मािनत किया गया।