नरेश अग्रवाल पर मौन पत्रकारों से बातचीत में मालिनी ने लोकगीतों को आज भी युवाओं के लिए बेहतर बताया। उन्होंने साफ किया कि आज का युवा आधुनिक गीतों को गुनगुना रहा है। साथ ही सूफी, शास्त्रीय और लोकगीतों को भी पसन्द कर रहा है। अक्सर महिलाओं कलाकारों पर टिप्पणी करने वाले और भाजपा में शामिल होने वाले नेता नरेश अग्रवाल के सवाल पर बचती नजर आईं और चलती बनीं।
मालिनी ने कहा कि गोण्डा तपस्वियों की धरती है
मालिनी अवस्थी कोई नया नाम नहीं, जिनके कार्यक्रम की जानकारी होने पर जैसे पूरा सैलाब उमड़ आया था। मालिनी द्वारा देवी गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद तो फरमाइश की बाढ़ आ गयी और फिर एक एक करके गीतों की झड़ी लगा दी। उनके गीतों पर युवक युवक ही थे महिलाएं भी झूमने लगीं।
मालिनी अवस्थी कोई नया नाम नहीं, जिनके कार्यक्रम की जानकारी होने पर जैसे पूरा सैलाब उमड़ आया था। मालिनी द्वारा देवी गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद तो फरमाइश की बाढ़ आ गयी और फिर एक एक करके गीतों की झड़ी लगा दी। उनके गीतों पर युवक युवक ही थे महिलाएं भी झूमने लगीं।
जब मंच से नीचे आ गयीं मालिनी
मालिनी मंच से नीचे आकर गीत गाने लगी तो सुरक्षा के दृष्ट से पूरा पुलिस अमला उनको सुरक्षा के घेरे में ले लिया, लेकिन मालिनी ने सबको रोक दिया कहा कि जब अब तक कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा। एक महिला दरोगा को कहा ये मेरी बहन है और ये काफी है। फिर क्या था नागिन डांस किया जिससे लोग झूमने को मजबूर हो गए। आधे दर्जन से अधिक गाने गीत वो मंच से नीचे ही गायीं।
मालिनी मंच से नीचे आकर गीत गाने लगी तो सुरक्षा के दृष्ट से पूरा पुलिस अमला उनको सुरक्षा के घेरे में ले लिया, लेकिन मालिनी ने सबको रोक दिया कहा कि जब अब तक कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा। एक महिला दरोगा को कहा ये मेरी बहन है और ये काफी है। फिर क्या था नागिन डांस किया जिससे लोग झूमने को मजबूर हो गए। आधे दर्जन से अधिक गाने गीत वो मंच से नीचे ही गायीं।
जल्दबाजी में बिंदी लगाना भूल गईं मालिनी
मालिनी अवस्थी बिंदी लगाना भूल गयीं तो मंच पर एक महिला ने बिंदी उपलब्ध कराई जो छोटी थी तो मालिनी ने कहा ये छोटी है। मैं बड़ी बिंदी लगाती हूं, फिर क्या रहा आनन-फानन में बाजार से बड़ी बिंदी मंगाई गई, जिसे जिलाधिकारी की पत्नी ने मालिनी को उपलब्ध कराई। मालिनी ने कहा कि जब में पढ़ रही थी तो जिलाधिकारी की पत्नी मेरी जूनियर थी।
मालिनी अवस्थी बिंदी लगाना भूल गयीं तो मंच पर एक महिला ने बिंदी उपलब्ध कराई जो छोटी थी तो मालिनी ने कहा ये छोटी है। मैं बड़ी बिंदी लगाती हूं, फिर क्या रहा आनन-फानन में बाजार से बड़ी बिंदी मंगाई गई, जिसे जिलाधिकारी की पत्नी ने मालिनी को उपलब्ध कराई। मालिनी ने कहा कि जब में पढ़ रही थी तो जिलाधिकारी की पत्नी मेरी जूनियर थी।