गोंडा

दो माह से भूखे पेट लौट रहे हैं आंगनबाड़ी केन्द्रों से नौनिहाल, ई टेंडरिंग के पेंच में फसा पोषाहार

बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों से दो माह से नौनिहाल भूखे पेट लौटने को विवश है।

गोंडाMar 09, 2018 / 11:30 am

आकांक्षा सिंह

गोण्डा. बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों से दो माह से नौनिहाल भूखे पेट लौटने को विवश है। इन्हें अब केन्द्र से पोषाहार भी नसीब नही हो रहा है। निदेशालय स्तर पर ई टेंडरिंग के पेंच में फसने के कारण पोषाहार की आपूर्ति नहीं हो सकी। ऐसे में करीब 75 हजार कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।


जिले में 3095 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 501380 बच्चे पंजीकृत हैं। अभी तक इन बच्चों की सेहत सुधारने के लिए पोषाहार व हाट कुक तथा सपा शासनकाल में हौसला पोषण योजना के माध्यम से इन बच्चों को पोषाहार के अतिरिक्त दलिया, दूध व फल दिये जाते है। जिससे कुपोषण के स्तर में काफी गिरावट आई थी। पूर्ववर्ती सरकार की हौसला पोषण योजना को बंद कर वर्तमान सरकार ने सबरी संकल्प योजना की शुरूआत की लेकिन अभी तक यह योजना धरातल पर नही आ सकी। हालत यह है कि दो माह से ई टेंडरिंग के पेंच में फसने से पोषाहार की आपूर्ति नही हो सकी। जिससे आंगनबाड़ी केन्द्रों से नन्हें मुन्नें बच्चों को भूखे पेट लौटने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

 

आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाये तो कुल 501380 बच्चे पंजीकृत हैं। जिससे 326423 बच्चे नार्मल श्रेणी में तथा अति कुपोषित बच्चों की संख्या 24307 तथा कुपोषित बच्चों की संख्या 49972 ऐसे में इन बच्चों की सेहत अब कैसे सुधारी जाये। जब सेहत सुधारने के लिए चलाई जा रही योजनाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि जनवरी माह तक का पोषाहार के सप्लाई का टेंडर था जो समाप्त हो गया है। यही कारण है कि फरवरी व मार्च माह में भी पोषाहार मिलने की संभावनाएं पूरी तरह से क्षीण हो चुकी है।


कहते हैं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी
इस सम्बन्ध में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पाण्डेय ने बताया कि निदेशालय व शासन स्तर पर पोषाहार के लिए टेंडर हो चुका है। जानकारी मिल रही है कि इस बार पोषाहार की जगह मीनू कुछ और ही होगा। अपै्रल माह से पोषाहार मिलने की उम्मीद है।

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