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गरीबी के कारणवश उच्चतम शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों के लिए कौशल विकास के अंतर्गत संकल्प योजना की शुरुआत की गई है। इसमें गरीबों को कई प्रकार के तकनीकी प्रशिक्षण के द्वारा उनको स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। देश में स्वरोजगार के द्वारा प्रशिक्षुओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसमें ड्राइविंग, टेलरिंग, कुकिंग, क्लीनिंग, इलेक्ट्रिशियन, स्वास्थ्य, मैकेनिक आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसमें जनपद के स्वास्थ्य शिक्षा विकास पेयजल सिंचाई सहित 27 विभागों को सम्मिलित किया गया है। प्रत्येक विभाग अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण की रूपरेखा बनाकर कौशल विकास विभाग को सौंपेंगे, जिससे हर तरह का प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं को प्राप्त हो सके। इस योजना का लाभ ऐसे लोगों को भी मिलेगा जो तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हैं फिर भी प्रमाण पत्र के अभाव में सरकारी सुविधाएं मतलब अपना रोजगार स्थापित करने के लिए बैंक द्वारा लोन नहीं मिल पा रहा है, उन्हें प्रशिक्षण में प्रतिभाग कराकर प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
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इस बाबत कौशल विकास विभाग के जिला प्रबंधक प्रदीप मिश्रा ने बताया कि यह योजना इस तरह से डिजाइन की गई है कि अब जिला स्तर पर कमिटी गठित होगी जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे, इसमें जिन भी सेक्टरों में प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी उनको पूरा किया जाएगा। इसमें सभी विभागों को समाहित किया गया है। इसमें जिला स्तर कमिटी द्वारा सभी विभागों के आवश्यकता के अनुरूप प्लान बनेगा, जिसको शासन को भेजा जाएगा वहां से प्रशिक्षण के लिए समय का निर्धारण किया जाएगा, जिसके अनुसार जिले में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।