शनिवार को गोंडा रेलवे स्टेशन पर जहरखुरानी का शिकार रेल यात्री बेहोशी की हालत में मिला। स्टेशन के अधिकारियों ने बेहोश रेल यात्री की सूचना रेलवे चिकित्सालय को दी। सूचना के घंटे भर बाद रेलवे चिकित्सक मौके पर पहुंचे और प्राथमिक उपचार के बाद चलते बने। तब तक जहरखुरानी का शिकार रेल यात्री घंटों प्लेटफार्म पर तड़पता रहा। युवक घंटों स्टेशन परिसर के बाहर बुकिंग कार्यालय के सामने जमीन पर लेटा रहा। रेलवे पुलिस बल (RPF) का एक सिपाही उस की निगरानी भी कर रहा था, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने जरा भी नैतिकता नहीं समझी कि युवक को एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
पत्रिका के हस्तक्षेप से हरकत में आया रेलवे प्रशासन
पत्रिका रिपोर्टर के हस्तक्षेप के बाद रेलवे अधिकारी हरकत में आए और 108 एंबुलेंस को बुलाकर जिला अस्पताल भेजा। इस बारे में स्टेशन मास्टर का कहना है कि उन्होंने बताया कि डिप्टी कमर्शियल द्वारा उनको सूचना दी गई थी कि जहरखुरानी का शिकार यात्री मिला हैय़ इसके बाद रेलवे के चिकित्सकों द्वारा उसका प्राथमिक उपचार किया गया। एंबुलेंस न होने के कारण रेलवे के चिकित्सक जमीन पर तड़पता हुआ युवक को छोड़ दिया। 108 एंबुलेंस सूचना देने के बाद मौके पर पहुंची और जहरखुरानी के शिकार युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया।
पत्रिका रिपोर्टर के हस्तक्षेप के बाद रेलवे अधिकारी हरकत में आए और 108 एंबुलेंस को बुलाकर जिला अस्पताल भेजा। इस बारे में स्टेशन मास्टर का कहना है कि उन्होंने बताया कि डिप्टी कमर्शियल द्वारा उनको सूचना दी गई थी कि जहरखुरानी का शिकार यात्री मिला हैय़ इसके बाद रेलवे के चिकित्सकों द्वारा उसका प्राथमिक उपचार किया गया। एंबुलेंस न होने के कारण रेलवे के चिकित्सक जमीन पर तड़पता हुआ युवक को छोड़ दिया। 108 एंबुलेंस सूचना देने के बाद मौके पर पहुंची और जहरखुरानी के शिकार युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया।
इंडियन रेलवे के अधिकारियों पर उठ रहे कई गंभीर सवाल
गोंडा रेलवे स्टेशन का यह ऐसा पहला मामला नहीं है। यहां आए दिन यात्री जहरखुरानी का शिकार हुए हैं, जिनमें कुछ की मौत भी हो गयी है। अधिकांश मामलो में पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करती है।
गोंडा रेलवे स्टेशन का यह ऐसा पहला मामला नहीं है। यहां आए दिन यात्री जहरखुरानी का शिकार हुए हैं, जिनमें कुछ की मौत भी हो गयी है। अधिकांश मामलो में पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करती है।