मंदिर की जमीन को लेकर था विवाद एसपी शैलेश कुमार के अनुसार, आरोपियों और अमर सिंह के बीच मंदिर की 120 बीघा जमीन को लेकर विवाद था। इसलिए ग्राम प्रधान विनय सिंह व पुजारी सम्राट दास के साथ मिलकर घटना से एक माह पहले अमर सिंह को फंसाने के इरादे से साजिश रची थी। साजिश को 10 अक्टूबर को अंतिम रूप दिया गया जब नीरज सिंह, मुन्ना सिंह व सोनू सिंह मंदिर पहुंचे।वहां मुन्ना सिंह ने पुजारी को गोली मार दी। फायरिंग की आवाज सुनकर होमगार्ड दौड़े तो आरोपियों ने होमगार्ड पर भी फायर झोंका। मगर फायर मिस हो जाने से होमगार्ड बच गए। उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से 315 बोर का तीन तमंचा, तीन जिन्दा कारतूस, एक खोखा कारतूस व चार मोबाइल फोन मिले हैं। वहीं, गोली लगे पुजारी का लखनऊ के केजीएमयू में इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना है कि पुजारी के स्वस्थ होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
चुनाव लड़ने से आपत्ति एसपी ने यह भी कहा कि अमर सिंह इस बार वहां गांव में प्रधान का चुनाव लड़ना चाहता था। गांव का मौजूदा प्रधान विनय कुमार सिंह भी नहीं चाहता था कि अमर सिंह जैसा मजबूत उम्मीदवार वहां चुनाव लड़े लिहाजा वो भी इस साजिश में शामिल हो गया।