scriptयूपी बोर्ड की अंग्रेजी ए विषय में प्राथमिक शिक्षकों पर पूछे गए प्रश्न पर मचा बवाल | primary teacher flared up over question IN GONDA | Patrika News

यूपी बोर्ड की अंग्रेजी ए विषय में प्राथमिक शिक्षकों पर पूछे गए प्रश्न पर मचा बवाल

locationगोंडाPublished: Feb 27, 2018 01:46:37 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

परिषदीय शिक्षकों ने प्रश्न पत्र बनाने वाले बोर्ड के सदस्यों की घोर निंदा की

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गोण्डा. यूपी बोर्ड इण्टरमीडियट की अंग्रेजी ए विषय की प्रश्न पत्र में प्राथमिक स्कूल के शिक्षक के अपने कर्तव्य के प्रति कामचोरी व निकम्मेपन पर डीएम को पत्र लिखने का प्रश्न पूछा गया था जिसकी परिषदीय शिक्षकों ने घोर निंदा की है। बिना माध्यमिक शिक्षकों का नाम लिये उनकी पूरी जमात को निकम्मा करार दिया। यही नहीं संगठन के पदाधिकारी प्रश्न पत्र को लेकर स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं और संगठन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर सकते है। शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के मण्डल अध्यक्ष आजाद वेग ने यहां तक कह डाला कि कुछ निकम्मों की जमात ने प्राथमिक शिक्षकों को निकम्मा बताया है।
जिनके निकम्मेपन के चलते हजारों परिक्षार्थियों ने इसवर्ष परीक्षा छोड़ दी है फिर भी ये लोग खुद को सर्वश्रेष्ठ समझ रहे है। ऐसा प्रश्न पत्र बना कर इनके द्वारा बच्चों के मन में यह धारणा डाली जा रही है कि प्रायमरी के शिक्षक शिक्षिकाएं कामचोर व निकम्मे है। यदि पेपर बनाने वाले बोर्ड के मन में प्राथमिक शिक्षकों के प्रतिदूषित मानसिकता प्रदर्शित करता है। परिषदीय शिक्षकों का मानना है कि प्रश्न पत्र में यह भी पूछा जाना चाहिये कि किसके निकम्मेपन से बारह लाख परिक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। यहीं नही वह कौन सा कारण था कि बोर्ड परीक्षा परिषदीय अध्यापकों को करानी पड़ रही है। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघने विज्ञप्ति जारी कर कहा है ऐसे प्रश्न की घोरनिंदा की जाती है जिसमें परिषदीय शिक्षकों को कर्तव्य के प्रति कामचोरी व निकम्मेपन का शिकायती पत्र लिखने को कहा गया है। यह पेपर सेटर की कुंठित मानसिकता को दर्शाती है। माध्यमिक शिक्षा परिषद भी इसके लिए दोषी है। जिसके हाथ पेपर सेंटर द्वारा सेट किये गये प्रश्नों की समीक्षा नहीं की गई। ऐसा करके प्राथमिक शिक्षकों की छवि को धूमिल किया जा रहा है। संगठन ने पेपर सेंटर की तत्काल सेवा समाप्त की जाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे प्रश्नों की पुनरावृत्ति न हो सके। ऐसा प्रश्न पूछ कर परिषदीय शिक्षकों की भावनाओं पर कुठारघात किया गया है। ऐसे निंदनीय कृत के लिए संगठनजल्द ही हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर करेगा।
अटेवा ने सीएम को लिखा पत्र

आल टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने सीएम को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है। सूबे के मुखिया को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिकशिक्षा परिषद ने ऐसे प्रश्न पूछ कर छात्रों के मन में शिक्षकों की कौन सी तस्वीर पेश करना चाहता है। यह शिक्षक समुदाय के साथ-साथ राष्ट्र का भी घोर अपमान है। अटेवा उत्तर प्रदेश ऐसे कृत की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यदि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षकों से माफी नही मांगी तो परिषदीय शिक्षक बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।
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