जब हालत बिगड़ने लगी तो उसी दिन आनन-फानन में जेल भेज दिया। प्रार्थिनी जब शनिवार को अपने पति से जेल में मिलने आयी तो उन्होंने बताया कि कौड़िया पुलिस ने उन्हें बहुत मारा पीटा है। हालत बहुत खराब है। तब प्रार्थिनी ने जेल अधिकारियों से इलाज करवाने की गुहार लगाई तो वहां बताया गया कि इलाज में पैसा लगता है, तुम लेकर आई हो। पीड़िता रोते बिलखते अपने घर वापस चली आयी। दूसरे दिन शाम को थाने से फोन आया कि उसके पति की मौत हो गई। जब वह थाने पहुंची तो वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने एक सादे कागज पर हस्ताक्षर बनवाने का दबाव डाला लेकिन वह बिना हस्ताक्षर किये वहां से चली आयी। मृतक की पत्नी ने दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की है।
मुकदमा दर्ज न हुआ तो नोटिस देकर किया जायेगा थाने का घेराव: बैजनाथ
सपा के पूर्व विधायक बैजनाथ दूबे ने आरोप लगाया है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के रामापुर गांव निवासी घिराऊ लोध की मौत पुलिस के पिटाई के कारण हुई हे। यदि दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल न भेजा गया तो हम लोग नोटिस देकर थाने का घेराव करेंगे। साथ ही साथ उन्होंने मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।