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घोटाले का चक्रव्यूह : पुलिया के नाम पर सरकारी खजाने से गये 5,75 लाख रुपये, पुलिया गायब

locationगोंडाPublished: Jan 15, 2018 09:19:56 am

Submitted by:

Hariom Dwivedi

गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में पुलिया को मोहरा बनाकर उसके नाम पर हुआ सरकारी खजाने के लूट का मामला सामने आ रहा है।

Puliya scam
कैलाशनाथ वर्मा

गोण्डा. वजीरगंज थाना क्षेत्र के पंचायत सेहरिया में फर्जी पुलिया के निर्माण को लेकर मनरेगा के तहत सरकारी खजाने से 5,75 लाख रुपये निकल गये। सम्बंधित अधिकारी जांच पड़ताल कर लीपा पोती में लगे रहे। गांव के ही एक युवक ने तत्कालीन जिलाधिकारी से प्रकरण को अवगत कराकर जांच उपरान्त उचित कार्यवाही की मांग की थी, बावजूद इसके खंड विकास अधिकारी वजीरगंज गोण्डा ने जांच की पुष्टि गलत तरीके से करते हुए अधिकारियों को गुमराह किया, जिसके चलते घोटाले का चक्रव्यूह आज भी ज्यों का त्यों बरकरार है।
अवगत हो कि ग्राम सेहरिया के निवासी अनिल सिंह पुत्र स्व. चंद्र बक्श सिंह ने दिनांक 12 नवंबर 2017 को तत्कालीन जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए अपने प्रार्थना पत्र मे क्षेत्र पंचायत सदस्य समिति पर आरोप लगाते हुए मनरेगा के तहत पुलिया के नाम पर सरकारी धन के भारी घोटाले का जिक्र करते हुए दर्शाया है कि सन 2015-16 के बीच ग्राम सभा सेहरिया मे दुबवा मार्ग पर आर सी सी पुलिया संख्या 3147021 आई एफ पी 9885872548 का निर्माण दर्शा कर मनरेगा के तहत दिनांक 14 नवंबर 2017 को 4 संख्या मे बिल पास कराकर सरकारी खजाने से 5,75 लाख रूपए डकारे गए। जबकि उक्त ग्राम सभा मे न तो दुबवा मार्ग है और न ही पुल बनवाया गया, जिसकी शिकायत ग्रामवासी अनिल सिंह ने तत्कालीन डीएम से की, जहां से जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही करने न आश्वासन दिया मगर कुछ सम्बंधित विभागीय अधिकारी के लीपा पोती के चलते आज तक सकारात्मक जांच पड़ताल न हुई।
मामले में हद तो तब हो गई जब खण्ड विकास अधिकारी ने जिला उपायुक्त मनरेगा ग्राम्य विभाग गोण्डा को दिए विवेचना में यह दर्शाया कि उनके द्वारा जांच कराये गए सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण गिरजादत्त द्वारा पता चला कि पुलिया का निर्माण ग्राम पंचायत सेहरिया में न होकर ग्राम धनेशरपुर में कराया गया है। इसका स्थानीय सत्यापन किया गया है। अतः शिकायत कर्ता की शिकायत असत्य व निराधार है। कितनी हैरानी की बात है कि एक तरफ जांच में ग्राम सेहरिया में पुलिया का निर्माण न दर्शाया जा रहा है और दूसरी तरफ शिकायत को निराधार भी बताया जा रहा है।
विवेचना की पुष्टि में निकला झूठ का सुराग
चौंकाने वाली बात तो तब सामने आयी जब हाल फिल्हाल दिनांक 12 जनवरी 2018 को पुलिया की जांच के लिए सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण गिरिजा दत्त पहुंचे, जिनसे पूछताछ के बाद पता चला कि वो यहां प्रकरण की जांच के लिए पहली बार आये हैं। उक्त जांच में गिरजा दत्त ने कहा कि शिकायत सही है। यहां न तो पुलिया है और न ही दुबहा मार्ग है।
पीले ईंटों से हो रहा है पुलिया का निर्माण
बताते चलें कि चर्चा के मुताबिक़ ग्राम सभा धनेशरपुर मे मात्र 10 मीटर की दूरी पर 2 पुलिया का निर्माण पहले से हो चुका है, और तीसरी पुलिया का निर्माण अब पीले ईंटों से हो रहा है। यहां एक सवाल लोगों के दिलों को यह कचोट रहा है कि कहीं शासन के खौफ से डर कर सेहरिया के पुलिया का बजट यहां तो नहीं लग रहा है। बहरहाल सचाई पर अभी पर्दा बरकरार है।
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