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अंधविश्वास की पराकाष्ठा! पिता के सामने ही 10 साल के बच्चे को तराजू में बिठाया और फिर… तमाशबीन बने ग्रामीण, देखें वीडियो

locationगोंडाPublished: Nov 12, 2018 08:47:12 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

खबर पढ़कर आप भी सोचने पर हो जाएंगे मजबूर, गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र का मामला…

intiyathok gonda

नहीं देखा होगा ऐसा नजारा! 10 साल के बच्चे को तराजू में बिठाया और फिर… तमाशबीन बने ग्रामीण, देखें वीडियो

गोण्डा. भले ही हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन हमारे समाज में आज भी रुढ़िवादिता और अंधविश्वास गहरी पैठ बनाये है। ग्रामीण अंचलों में आज भी रुढ़िवादिता और अंधविश्वास समाप्त नहीं हो पा रहा है। इसका फायदा उठाकर कुछ चालक लोग भोले-भाले ग्रामीणों को बेव कूफ बनाकर उन्हें ठगने का काम कर रहे हैं। ताजा मामला गोंडा जिले में इटियाथोक थाना क्षेत्र के गांधी चबूतरा गांव का है, जहां गौवंश की मौत के बाद 10 वर्षीय मासूम को खुद के बराबर तुला दान करना पड़ा। अंधविश्वास का यह नजारा देखने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद थे।
इटियाथोक थानाक्षेत्र के गांधी चबूतरा गांव में एक दलित परिवार के नाबालिग युवक द्वारा अनजाने में आवेश में आकर ईंट से प्रहार करने से एक पालतू गौवंश की मौत हो गयी थी, जिसके प्रायश्चित के लिए उसे स्वयं के बराबर तुलादान करना पड़ा। ऐसा करने के लिए उसे ग्रामीणों को बाध्य किया गया।
…और मर गई बछिया
पीड़ित परिवार के गृहस्वामी अशोक ने बताया कि उसका 10 वर्षीय बेटा रोहित अपने घर पर पालतू बछिया (गौवंश) को चारा खिला रहा था, तभी अचानक बछिया ने उसे सींग मार दिया। इससे आवेश में आकर रोहित ने एक ईंट के टुकड़े से उस पर प्रहार कर दिया, जिससे मौके पर ही बछिया की मृत्यु हो गयी। इसके बाद गांववाले उस पर पाप लगने की बात कहकर बार-बार प्रताड़ना देने लगे। कहा कि पुत्र को स्नान कराकर उसी के बराबर अनाज दान करने पर पाप से मुक्ति होगी।
मासूम को तराजू में बिठाया और…
ग्रामीणों के कहे अनुसार रोहित को स्नान कराया गया। सड़क के किनारे लगे पेड़ से तराजू लटकाया गया और बेटे के बराबर मिट्टी, पंचमेली अनाज व अन्य सामग्री का तुलादान किया गया। इतना ही नहीं वहां मौजूद लोगों के पैर छुआकर अनजाने में की गयी गलती के लिये क्षमा मंगवायी गई।
तुलादान से पाप मुक्ति का दावा
तुलादान को गांव की परम्परा बताते हुये गंगापुर के रहने वाले साई फकीर चांदबाबू ने बताया कि हत्यारी लगने के बाद पाश्चाताप के लिये उसका परिवार कई पीढ़ियों से तुलादान कराकर पाप से मुक्त कर देता है। तुलादान की सामग्री साई फकीर का परिवार स्वयं लेता है।
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