ज्वांइन मजिस्ट्रेट/एसडीएम अर्चना वर्मा ने तहसील के कर्मचारियों एंव अधिकारियों द्वारा ऋण मोचन योजना एंव जनसुनवाई में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार रमेश बाबू पर तृतीय चरण में भी लेखपालों से सहमति पत्र, शपथ पत्र के साथ सत्यापन रिपोर्ट न जमा करा पाने एंव पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता का आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है।
इसके साथ ही ग्राम लक्ष्मणपुर के लेखपाल बाबूराम एंव ग्राम लालेमऊ के लेखपाल सुरेश कुमार अवस्थी को योजना के कार्य में लापरवाही, तालाब से अवैध अतिक्रमण न हटवाने तथा जन सुनवाई कार्य निस्तारण न होने पर निलम्बित किया गया।
इसके साथ ही रजिस्ट्रार कानूगो प्रदीप कुमार मिश्रा, एंव कृष्ण चन्द्र श्रीवास्तव को लेखपालों से समय से पात्रता या अपात्रता का शपथ पत्र एंव सत्यापन रिपोर्ट न जमा करा पाने के आरोप में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। तथा राजस्व निरीक्षक परसपुर शिवराम सिंह को सरकारी कार्य में रुचि न लेने के साथ ही अपने अधीनस्तों पर नियंत्रण न होने के आरोप में पद से हटाकर करनैलगंज तहसील के भूलेख कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। तथा उनके स्थान पर सोमनाथ तिवारी राजस्व निरीक्षक पहाड़ापुर को अग्रिम आदेशों तक कार्यभार सौंपा गया है। इस कार्रवाई से तहसील कर्मियों में हडकम्प मच गया है। बाढ़ से लेकर अब तक करीब आधा दर्जन से अधिक लेखपालों को निलम्बन की कार्रवाई झेलना पड़ा है। एसडीएम ने बताया कि सरकारी कार्य में शिथिलता कतई बर्दास्त नहीं की जायेगी।