scriptसपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मूर्ति अनावरण के दौरान दे गए थे यह संकेत जाने क्या रहा इशारा | UP Election 2022 Akhilesh Yadav inaugurate Pandit singh statue | Patrika News

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मूर्ति अनावरण के दौरान दे गए थे यह संकेत जाने क्या रहा इशारा

locationगोंडाPublished: Jan 22, 2022 05:49:14 pm

Submitted by:

Mahendra Tiwari

गोंडा जिले की 7 विधानसभा सीटों में एक ऐसी सीट जिसके लिए सपा के मुखिया अखिलेश यादव बात बात में खुलकर संकेत दे गए। अब देखना यह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर हिंदुत्व का कमल खिलेगा या फिर सहानुभूति की साइकिल दौड़ेगी, कारण राजनीति के पंडित सिर्फ दो ही पार्टियों के बीच घमासान मान रहे हैं। फिलहाल यह बात अभी भविष्य के गर्त में छिपी है। लेकिन इस सीट को लेकर सपा मुखिया का संकेत सहानुभूति की तरफ इशारा कर रहा था।

img-20220122-wa0002.jpg

सपा से राजनीतिक सफर की शुरुआत, कभी नहीं छोड़ी पार्टी

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह ने वर्ष 1996 में पहली बार सदर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक बने, दो बार सपा शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रहे। अपने बेबाक कार्यशैली के लिए पंडित सिंह हमेशा जनता के बीच चर्चा का विषय रहते थे। सबसे खास बात यह रही कि विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह ने कभी पार्टी नहीं छोड़ी, सपा से राजनीतिक सफर शुरू करने के बाद अपने जीवन के अंतिम सांस तक वे सपा के साथ रहे। कोरोना लड़ते-लड़ते 7 मई 2021 को उन्होंने लखनऊ के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।

सदर विधानसभा सीट की जहां पर कभी कांग्रेस के हाथ की पकड़ बहुत ही मजबूत थी। इस सीट पर 1977 से लेकर एक बार फजूलाल वारी को छोड़ दिया जाए तो 1989 तक कांग्रेस का एकछत्र राज रहा। सन 1991 में राम मंदिर की लहर के चलते भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर तुलसीदास रायचंदानी पहली बार विधायक चुने गए। 1993 में हुए मध्यावधि चुनाव में तुलसीदास रायचंदानी दूसरे बार विधायक चुने गए। वर्ष 1996 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां पर विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह ने अपना परचम लहराया। उसके बाद 2002 में संपन्न हुए चुनाव में पंडित सिंह को एक बार फिर विजय हासिल हुई। वर्ष 2007 के चुनाव में यहां से बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट पर मोहम्मद जलील खा बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के चुनाव में पंडित सिंह ने फिर इस सीट पर समाजवादी पार्टी का झंडा लहराया। वर्ष 2017 के चुनाव में करीब 23 वर्ष बाद भाजपा को एक बार फिर यहां से सफलता मिली तथा भाजपा के टिकट पर प्रतीक भूषण सिंह विधायक बने, इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह यहां से चुनाव लड़े लेकिन वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए। कुल मिलाकर इस विधानसभा क्षेत्र की जनता ने सभी दलों को समय-समय पर मौका दिया।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके परिवार पर जहां दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वही इस जनप्रिय नेता के चले जाने से गोंडा ही नहीं पूरे देवीपाटन मंडल में समाजवादी पार्टी को करारा झटका लगा। बीते 7 जनवरी को स्वर्गीय पंडित सिंह की पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति का अनावरण करने आए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने इशारों में जो भी कुछ कहा उससे यही लगता है। कि अब भी मंत्री परिवार की समाजवादी पार्टी में गहरी पैठ है। उन्होंने अपने संबोधन में कहां की स्वर्गीय पंडित सिंह एक जनप्रिय नेता थे। जनता के लिए वह विपरीत परिस्थितियों में भी हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहते थे। वह गोंडा के ही नहीं बल्कि पूरे देवीपाटन मंडल के नेता थे। हमेशा जनता की आवाज को बुलंद करते थे। हर कोई छोटा बड़ा उनसे बड़े आसानी से मिल लेता था। सबकी समस्याओं को सुनकर उनका निदान कराते थे। उन्होंने उनके भतीजे सूरज सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सूरज सिंह भी जनता के लिए हमेशा सुलभ रहते हैं। वैसे विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अभी तक किसी भी दल द्वारा अधिकृत तौर पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। वर्तमान समय में इस सीट से केसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण सिंह विधायक हैं। इतिहास के झरोखों से देखा जाए तो 1952 से लेकर अब तक संपन्न हुए चुनाव में तीन बार यह सीट भाजपा की झोली में जा चुकी है। यहां के मतदाताओं ने किसी भी दल को निराश नहीं किया है सबको इस सीट पर प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो