मरीज ने कोविड हॉस्पिटल की खोली पोल, रोते हुए बनाया Video, कहा- ‘यहां रहूंगा तो मर जाऊंगा’
दस लोगों की हुई मौत
बाढ़ में दस लोगों की डूब जाने पर मौत हो गई। सुपौल में एक, पश्चिम चंपारण में 3, शिवहर-सीतामढ़ी में 2-2, मधुबनी-बेगूसराय में 1-1 व्यक्ति की बाढ़ से मौत हो गई। गंडक नदी खतरे के निशान पार कर गांवों में तबाही मचा रही है। पूर्वी चंपारण में सिकरहना, तिलावे नदियों के रिंग बांध टूट गए। सुपौली और बंजरिया प्रखंडों के गांवों में पानी फैला गया है। आदापुर प्रखंड के साथ जुड़ने वाली पुलिया ध्वस्त हो गई। अरेराज के नवादा में बाढ़ के पानी में डूब गये लोगों को घरों से निकालकर ऊंचे स्थानों पर शरण दी गई है।
Indian Railways: कोरोना काल में रेलवे स्टेशन पर नए सिस्टम से हो रही ट्रेन टिकट चेकिंग, जानें क्या है खास
पश्चिमी चंपारण में मचाई तबाही
बाल्मिकी टाइगर्स रिजर्व के बड़े हिस्से में पानी भर गया है। नौतन, बैरिया, योगापट्टी से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। कटावरोधी कार्य शुरु कर दिए गये हैं। लोगों को राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टुकड़ियां तैनात की जा चुकी हैं।
Mask नहीं पहनने या Safety Protocol तोड़ने पर एक लाख रुपए जुर्माना या दो साल की सजा, अध्यादेश पास
गोपालगंज में गंडक का रौद्र रूप
गोपालगंज में गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर रौद्र रूप धारण कर चुकी है। जिले के 52 गांवों में पानी भर जाने से लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर चुके हैं। बरौली प्रखंड के देवापुर चौबे टोला के समीप सिकटिया तथा परसौना गांवों के स्लीपर रिंग बांध से पानी रिसाव के कारण दहशत में लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। आपदा प्रबंधन के कार्यों में तेजी लाई गई है।
ताजी हवा के लिए ICU से Corona Patient को बाहर ले गए परिजन, लापरवाही के चलते हुई मौत
मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर में भी पानी पानी
मधुबनी में कुंवारा समूह की धौंस नदी का पानी गांवों में फैला गया है। बेनीपट्टी मधवापुर का संपर्क भंग हो चुका है। उच्चैठ स्थान के डायवर्स़न पर पानी के बढ़ जाने से ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गई है। करेह नदी के पानी से एक पुलिया ध्वस्त हो गई।इधर दरभंगा के कुछ इलाकों में भी पानी ने तबाही मचा रखी है।
Happy Birthday Chahal : क्रिकेट नहीं खेलते तब भी करते देश का नाम रोशन, Yuvraj ने दी अनोखे अंदाज में बधाई
कोसी और बागमती भी तबाही मचाने चली
कोसी और बागमती नदियों का बिगड़ैल रूप सीमांचल में बर्बादी की वजह बन गया है। कोसी का जलस्तर बढ़ने से सहरसा और मधेपुरा समेत कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। मधेपुरा के आलमनगर प्रखंड के अनेक गांवों में पानी भर चुका है। किशनगंज और कटिहार में बागमती के तेवर बिगड़े हुए हैं। इसके चलते बड़ी आबादी प्रभावित हो गई है।