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कब्र से आई नवजात के रोने की आवाज, जिंदा था मासूम

locationगोपालगंजPublished: Jun 27, 2018 06:10:07 pm

Submitted by:

Shailesh pandey

बिहार के गोपालगंज जिले के थावे थाने के पिठोरी गांव में एक नवजात को डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद परिजनों ने खेत में जाकर मिट्टी में दफन कर दिया

child file photo

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(प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट)

गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले के थावे थाने के पिठोरी गांव में एक नवजात को डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद परिजनों ने खेत में जाकर मिट्टी में दफन कर दिया। परिजनों को फौरन ही नवजात के रोने की आवाज सुनाई देने लगी। आनन-फानन मिट्टी हटाकर नवजात को बाहर निकाला गया, तो उसकी सांसें चल रही थीं।

 

डाक्‍टर ने किया था मृत घोषित

 

थावे के पिठोरी गांव निवासी नीरज प्रसाद की पत्नी दिव्या कुमारी के गर्भ से सोमवार को एक नवजात का जन्म गोपालगंज सदर अस्पताल में हुआ। बच्चे को अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में इलाज के लिए ले जाने पर ड्यूटी पर तैनात डॉ कृष्णा कुमार ने मृत घोषित कर डाला। परिजनों को सलाह दी कि बच्चे को मिट्टी में दफन कर दो। परिजन गांव के बाहर खेत में ले जाकर बच्चे को दफना रहे थे, तभी कब्र से नवजात के रोने की आवाज परिजनों ने सुनी। जल्दी में दफन किए गए बच्चे को मिट्टी से बाहर निकाला गया। उसकी सांसें चल रही थीं।

 

परिजनों ने किया अस्पताल में हंगामा

 

नवजात की नानी मधु देवी और दादी अमरावती देवी ने कहा कि बच्चे की सांसें चल रही थीं। उसे फौरन सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करने के लिए ले जाया गया, पर अधिक रक्तस्राव से नवजात की मौत हो गई। बच्चे की मौत से गहरे सदमें में आ चुके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सीएस ने आकर सफाई दी और कहा कि डॉक्टर ने बच्चे को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया था। उन्होंने डॉक्टर कृष्णा कुमार का बचाव करते हुए पहले तो साफ कह दिया कि बालक को रेफर किया गया था, मृत नहीं घोषित किया गया था, लेकिन परिजनों का हंगामा नहीं रुकता देख जांच के आदेश देकर छुट्टी पा ली। परिजनों ने स्थानीय थाने में डॉ कृष्णा कुमार की लापरवाही के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की गहन छानबीन कर रही है।

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