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इलेक्शन स्पेशल…छठे चरण के लोकसभा चुनाव में भोजपुरी भाषियों को चुनना होगा अनाड़ियों या सियासी धुरंधरों को

locationगोपालगंजPublished: May 10, 2019 02:54:01 pm

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Prateek

बाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज में प्रत्याशियों ने जीभर कर भोजपुरी में वोट मांगे और प्रचार किया…

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(प्रियरंजन भारती): लोकसभा चुनाव के छठे चरण में जिन आठ सीटों पर बारह मई को मतदान होना है उनमें लोकतंत्र की जननी वैशाली और शिवहर को छोड़ सभी छह सीटें भोजपुरी क्षेत्रों की हैं। इन क्षेत्रों के भोजपुरी भाषी मतदाताओं को लुभाने के लिए उम्मीदवारों ने भोजपुरी भाषा का खूब जमकर इस्तेमाल किया। बाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज में प्रत्याशियों ने जीभर कर भोजपुरी में वोट मांगे और प्रचार किया।


इन सीटों पर सियासी धुरंधरों का सामना अनाड़ी खिलाड़ियों से हो रहा है। इन सभी सीटों पर एनडीए कि कब्जा था। एक लोजपा और सात सीटें भाजपा की झोली में गई थीं। लिहाजा महागठबंधन को पूरी ताक़त झोंकनी पड़ी। एनडीए को इस बात से राहत मिली है कि आठ में छह उम्मीदवार एकदम आनाड़ी हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए में भी तीन नये और पहली बार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को उतारा गया है।


भाजपा ने तिलमेल में जीती हुई तीन सीटें-बाल्मिकीनगर, सीवान और गोपालगंज जदयू को दे दी हैं। सभी पर कड़ी टक्कर है। भाजपा ने पिछली बार बाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर,गोपालगंज, महाराजगंज, और सीवान सीटें जीतीं जबकि वैशाली लोजपा के खाते में गई थी। महागठबंधन ने छह सीटों पर एकदम नये चेहरों को मैदान में उतारा है। दो सीटों वैशाली और सीवान में महागठबंधन के पुराने प्रत्याशी क्रमशः रघुवंश प्रसाद सिंह और हीना शहाब इस बार भी मैदान में एनडीए से कड़े मुकाबले में घिरे हैं।

 

वैशाली

यहां आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ लोकजनशक्ति पार्टी ने जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है जो प्रधानमंत्री मोदी और जातीय वोटरों के भरोसे हैं। पिछली बार लोजपा के रामा सिंह ने रघुवंश बाबू को एक लाख से भी अधिक वोटों से हराया था। इस बार वीणा देवी मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के नाम पर रघुवंश सिंह को कड़े मुकाबले में घेरे हुई हैं।

 

शिवहर

यहां भाजपा की निवर्तमान सांसद रमा देवी का मुकाबला आरजेडी के सैयद फैसल अली से है। रमा देवी लगातार तीसरी बार सांसद बनने के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर फैसल को कड़े मुकाबले में घेरकर जोर लगा रही हैं। पिछली बार उन्होंने आरजेडी के अनवारुल हक को ढाई लाख वोटों से हराया था और अलग चुनाव लड़े जदयू के शाहिद अली खान ने 80 हजार वोट हासिल किये थे।

 

गोपालगंज

भाजपा ने अपनी जीती हुई सीट जदयू को दे दी है और जदयू ने नये चेहरे आलोक सुमन को मैदान में उतारा है। जबकि आरजेडी ने भी नये प्रत्याशी सुरेंद्र राम पर दांव खेला है। लालू यादव और राबड़ी देवी के इस गृह क्षेत्र वाली सुरक्षित सीट पर दोनों ओर से जबर्दस्त भिड़ंत का सीन है। पिछली बार मोदी लहर में भाजपा के जनक राम ने 87 हजार मतों से कांग्रेस की ज्योति भारती को पराजित किया था।

 

पश्चिमी चंपारण(बेतिया)
भाजपा ने फिर निवर्तमान सांसद संजय जायसवाल को ही उतारा है। मुकाबले में रालोसपा के एकदम नये उम्मीदवार ब्रजेश कुशवाहा हैं। 2024 के चुनाव में भाजपा के संजय ने 3,71,232 वोट लाकर फिल्म निर्माता और जदयू प्रत्याशी प्रकाश झा को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। लगातार दो चुनाव हारने के बाद प्रकाश झा ने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया। इस बार ब्रजेश की हार-जीत ही तय करेगी उनका राजनीतिक भविष्य।

 

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी)

इस बार फिर निवर्तमान भाजपा सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह चुनाव मैदान में डटे हैं। राजनीति के नये सितारे और कांग्रेसी अखिलेश सिंह के सुपुत्र आकाश सिंह महागठबंधन में रालोसपा उम्मीदवार बनकर चुनाव मैदान में पहली बार राधामोहन सिंह के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। राधामोहन सिंह ने पिछली बार आरजेडी उम्मीदवार विनोद श्रीवास्तव को करीब दो लाख वोटों से हराया था। इस बार भी राजनीतिक वरिष्ठता के लिहाज़ से राधामोहन सिंह भार साबित होते दिख रहे हैं।

 

बाल्मिकीनगर

भाजपा के सतीशचंद्र दूबे इस बार जदयू के खाते में सीट जाने के कारण मैदान से बाहर हैं। जदयू ने इस सीट पर बैजनाथ महतो को उम्मीदवार बनाया है। सतीश नाराज होकर मान गये और जदयू के लिए प्रचार भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद बने जबर्दस्त माहौल में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पौत्र और महागठबंधन उम्मीदवार शाश्वत केदार यहां बुरी तरह हार जीत के दांव में फंसे लग रहे हैं।

 

महाराजगंज

भाजपा के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के खिलाफ आरजेडी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में सिग्रीवाल ने प्रभुनाथ सिंह को 38 हजार वोटों से पराजित किया था। चितौरगढ़ के नाम से चर्चित राजपूत बहुल महाराजगंज में सिग्रीवाल इस दफा भाजपा जदयू की संयुक्त शक्ति और मोदी कार्ड पर बाजी मारने के फिराक में हैं।

 

सीवान

इस सीट पर सबकी नज़रें टिकी हैं क्योंकि बाहुबली शहाबुद्दीन के इस क्षेत्र में दोनों ओर से ही बाहुबलियों की पत्नियां चुनाव मैदान में दूसरे को पछाड़ने में जुटी हैं। आरजेडी ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा से जदयू को मिली इस सीट पर बाहुबली और शहाबुद्दीन के आतंक से लड़ने के लिए कुख्यात अजय सिंह की विधायक पत्नी कविता सिंह मैदान में हैं। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के ओमप्रकाश यादव ने एक लाख से अधिक वोटों से हिना को पराजित किया था। ओमप्रकाश टिकट कटने से पहले तो नाराज हुए पर पार्टी नेतृत्व के समझाने से मानकर कविता सिंह के समर्थन में उतरे।भाकपा माले के अमरनाथ यादव मैदान में तीसरा कोण बना रहे हैं जो जदयू की जीत को आसान कर सकता है।

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