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पानी के तेज बहाव में संपर्क रोड टूटा
इस महासेतु का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसी सोलह जून को किया था। चंपारण को गोपालगंज और तिरहुत प्रमंडल के की जिलों को जोड़ने वाला यह महासेतु सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से अहम था। इसके संपर्क रोड के ध्वस्त हो जाने से आवागमन ठप हो गया है। बड़ी संख्या में लोग टूटे पुल को देखने मौके पर जमा हो गए हैं।
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गंडक बराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से दबाव
महासेतु पहली ही बारिश के पानी का दबाव नहीं झेल सका। यह राज्य सरकार के अंधाधुंध सड़क पुल निर्माण कमेंट कायम भ्रष्टाचार का नायाब नमूना है। इसे लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तंज कसे। उन्होंने लगातार दो ट्वीट करते हुए सरकार की आलोचना की है। तेजस्वी ने पहले ट्वीट में लिखा,’264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट पुल उद्घाटन के 29 दिनों में ही बह गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंहदिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।’ एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी यादव ने सूबे के भाजपा नेता और नीतीश कुमार के अनन्य करीबी पर निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव के मुख्यमंत्री से संबंधों पर व्यंग्य किए हैं। बता दें कि नीतीश कुमार और नंदकिशोर यादव छात्र जीवन के सहपाठी रहे हैं।
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ध्वस्त पुल के साथ ही गरमाई सियासत
सत्तरघाट महासेतु के इस क़दर ढह जाने से सूबे की सियासत भी विधानसभा चुनाव के ऐन पहले गरमा गई। विरोधियों के वार के बीच सरकार गोल-मटोल जवाब देने में जुट गई हैं। जदयू प्रवक्ता और सूबे के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा, पुल नहीं संपर्क पथ ध्वस्त हुआ है। पानी के अत्यधिक दबाव के चलते ऐसा हुआ। पुल तो पूरी तरह सुरक्षित है। पुल निर्माण विभाग के कार्य में कोई खोट तो इससे नहीं स्पष्ट होती है।