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102 अतिकुपोषित गांव में महज 3 गांव हो सके कुपोषण मुक्त

locationगोरखपुरPublished: Dec 09, 2017 11:30:48 am

डीएम की समीक्षा बैठक में मामला आया सामने
 

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले में अधिकारियों को कुपोषणमुक्ति के लिए कोई चिंता नहीं है। 102 अतिकुपोषित गांव में महज 3 गांव ही अधिकारी कुपोषितमुक्त कर सके हैं।
डीएम राजीव रौतेला ने अधिकारियों के इस लापरवाही पूर्ण व्यवहार पर नाराजगी जताई है। उन्होंने बताया कि जो तीन गांव कुपोषण मुक्त कर अधिकारी अपना पीठ थपथपा रहे वहां केवल एक-एक बच्चे कुपोषित मिले थे।
हालांकि, समीक्षा में गांव गोद लिए अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अतिकुपोषित बच्चों की सूची भी नही दी गयी है। जब वे गांव में जाते हैं तो इनसे मिल नही पाते है।
30 जेई लेकिन काम कोई नहीं करते

जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान पाया कि धन मिलने के बावजूद ढाई माह तक दो जल परियोजना का टेण्डर प्रक्रिया पूरी नही किया। 2 पाइपलाइन परियोजना आंशिक रूप से संचालित है जिसका बैठक में सही सही जानकारी नही दे पाये। 8 तैयार जल परियोजना को ग्राम पंचायतों को हैण्डओवर करने में कोई रूचि नही दिखाई। दोनों डिवीजन में 30 जेई है परन्तु वे ब्लाक का कोई कार्य नही करते हैं। उन्होंने दोनों अधिशासी अभियंताओं से स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि कार्य में रूचि दिखलायें तथा समय से कार्यों को पूरा करें। समीक्षा में बताया गया कि जिले में कुल 89 पाइप जल योजना संचालित हैं जिसमें से 41 जलनिगम तथा 48 ग्राम पंचायतें संचालित करती हैं। 15 ग्राम समूह परियोजनाएं संचालित है जिसमें 2 आंशिक रूप से संचालित हैं। बताया गया कि सड़क चौड़ीकरण में पाइप लाइनें तीन माह पूर्व फट गयी थी जिसे ठीक कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया तथा तीन माह तक इसे पूरा न करने का कारण स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। मजे की बात यह रही कि आंशिक रूप से संचालित दोनों परियोजनाओं का दोनों अधिशासी अभियंता सही जवाब नही दे पाये। जिले में 62 जल पाइप लाइन परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं जिसमें 8 पूर्ण हो गयी है परन्तु अभी तक इन्हें हैण्डओवर करने की प्रक्रिया नही की गयी है। दो का काम अभी शुरू नही हुआ है क्योंकि टेण्डर प्रक्रिया पूरी नही हो पायी है जबकि धन आवंटन 28 सितम्बर 2017 को हो गया था। जिलाधिकारी ने इन बिन्दुओं पर दो अधिकारियों से स्पष्टीकरण से तलब किया हैं।
3000 परिवारों को वारिस मिले
फसल ऋण मोचन योजना में जिले के 76706 एन.पी.ए. किसानों के खाते में ऋण माफी का कार्य चल रहा है। इसमें से 41800 किसान योजना के लाभ के लिए पात्र पाये गये है। सहायक निबंधक सहकारिता ने बताया कि 184 समितियों से 24249 किसानों को आधार कार्ड से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है जो 25 दिसम्बर तक पूरी कर ली जायेगी। उन्होंने बताया कि 3000 किसानों की मृत्यु हुई है अतः उनके वारिस का नाम चढ़ाया जाना है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि तहसीलवार सूची उपलब्ध करायें ताकि वरासत दर्ज कराया जा सके।
एनपीआरसी की होगी परीक्षा
उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया स्कूल में सभी छात्र छात्राएं फुल यूनीफार्म, जूता, मोजा पहन कर आयें। यह वहां के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी होगी। एन.पी.आर.सी. की अभी तक परीक्षा न कराये जाने पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया तथा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक गोयल को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अगले दो सप्ताह में उनकी परीक्षा करायें। जो एन.पी.आर.सी परीक्षा में फेल होंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में मनरेगा, इंडिया मार्क टू हैण्डपम्प की मरम्मत, मृदा स्वास्थ कार्ड, उर्वरक की उपलब्धता, गन्ना खरीद केन्द्र, सिल्ट सफाई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, महिला हेल्प लाइन, आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण, स्वास्थ विभाग में दवाओं की उपलब्धता, टीकाकरण, आशा का भुगतान, छात्रवृत्ति, पेंशन योजना आदि की समीक्षा किया।
इसमें सीडीओ अनुज सिंह, सीएमओ डॉ. रवीन्द्र कुमार, पीडी यशवन्त सिंह, डीडीओ बब्बन उपाध्याय, उप निदेशक कृषि संजय आदि मौजूद रहे।

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