आपको बता दें कि ग्राम पंचायतों को वर्ष 2016-17 में द्वित्तीय वर्ष 2013- 14 ,व वर्ष 2014- 15 में ग्राम पंचायतों की आय व ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर परफारमेंस ग्रांट की धनराशि मिली थी। लेकिन कुछ शिकायतों पर प्रशासन ने आवंटित धन राशि के संबंध में जांच एजेंसी से जांच कराई जिसकी जांच आख्या प्रदेश के मुखिया के कार्यालय के पटल पर उपलब्ध है उसके बाद भी ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन अभी तक संचालित नहीं हो पाया है।
इसे लेकर ग्राम पंचायतों का समूह दो से तीन बार मुख्यमंत्री से मिलकर ग्राम अपनी समस्याओं को बताया लेकिन इनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन के सिवा और कुछ नहीं मिला। प्रधानों को जनता 5 वर्षों के लिए प्रतिनिधित्व का मौका देती है । लेकिन इन 5 वर्षों में 2 वर्ष ग्राम पंचायतों की जांच में भी चुका है लेकिन जांच के बाद भी 27 जुलाई 2017 से ग्राम प्रधानों का खाता बंद कर दिया गया है। इस खाते में ग्राम पंचायतों की आय से मिलने वाली धनराशि सरकार देती है और इस धनराशि से गांव में नाली, खड़ंजा ,प्राथमिक विद्यालयों का नवीनीकरण, लाइट आदि विकास कार्य में लगाया जाता है। इस संबंध में ग्राम प्रधान पंचायती राज्य मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं सिवाय आश्वासन के अलावा उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। इससे आहत होकर आज प्रेस वार्ता कर ग्राम प्रधानों ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव का हम पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे और लगभग एक लाख मतदाता इससे प्रभावित होंगे।