सिर्फ यात्रियों की सूची हो रही इकट्ठा- भारत-नेपाल की संवेदनशील सीमा सोनौली में भारत नेपाल के मुख्य मार्ग पर सबसे ज्यादा पर्यटकों की आवाजाही देखने को मिलती है। लेकिन यहां चल रहे कोरोनावायरस जांच कैंप में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और फार्मासिस्ट अकसर गायब दिख रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों की जांच में भारी हिलाहवाली देखने को मिल रही है। गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे कोरोनावायरस जांच कैंप में कुछ ऐसा ही हुआ। यहां कोरोनावायरस की जांच व स्क्रीनिंग के नाम पर वार्डब्वॉय केवल यात्रियों की सूची एकत्रित कर रहा था। आब्रजन कार्यालय में यात्री कतार में खड़े होकर प्रपत्रों की जांच की प्रतिक्षा कर रहे थे, लेकिन कोरोनावायरस जांच की टीम नदारद दिखी।
श्रीलंका के 82 यात्री आए भारत-
इसी दौरान नेपाल से यात्रा पूरी कर आए श्रीलंका के 82 यात्रियों की आब्रजन कार्यालय में कोई जांच नहीं हुई। उन्होंने औपचारिकता पूरी की और कुशीनगर के लिए रवाना हो गए। सिंगापुर से आए यात्रियों के साथ भी ऐसी ही लापरवाही हुई। डॉक्टरों ने कोई जांच नहीं की। वार्डब्वॉय फर्श बहादुर भंडारी ने बताया कि डॉ. एसके त्रिपाठी और फार्मासिस्ट अजय आनन्द की ड्यूटी है। अभी थोड़ी देर में आ रहे हैं। हैंड सैनिटाइजर, रबर ग्लोब मास्क उपलब्ध है। डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने बताया कि आव्रजन अधिकारियों से कुछ बातचीत करने गया था। इस वजह से कैंप में कुछ देर नहीं रहा।
इसी दौरान नेपाल से यात्रा पूरी कर आए श्रीलंका के 82 यात्रियों की आब्रजन कार्यालय में कोई जांच नहीं हुई। उन्होंने औपचारिकता पूरी की और कुशीनगर के लिए रवाना हो गए। सिंगापुर से आए यात्रियों के साथ भी ऐसी ही लापरवाही हुई। डॉक्टरों ने कोई जांच नहीं की। वार्डब्वॉय फर्श बहादुर भंडारी ने बताया कि डॉ. एसके त्रिपाठी और फार्मासिस्ट अजय आनन्द की ड्यूटी है। अभी थोड़ी देर में आ रहे हैं। हैंड सैनिटाइजर, रबर ग्लोब मास्क उपलब्ध है। डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने बताया कि आव्रजन अधिकारियों से कुछ बातचीत करने गया था। इस वजह से कैंप में कुछ देर नहीं रहा।
होगी कार्रवाई- डिप्टी सीएमओ डॉ. आई.ए. अंसारी ने बताया कि नेपाल सीमा पर सतर्कता बरतने के लिए निर्देश हैं। अगर इसमें लापरवाही हो रही है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि 4 मार्च तक 25037 पर्यटको की जांच हुई है और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सीमा पर अलर्ट है।