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इंसेफेलाइटिस के बाद अब इस बीमारी ने पसारे पांव, 37 जिलों में मिले मरीज, हड़कंप

locationगोरखपुरPublished: Aug 19, 2019 05:59:09 pm

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
अभियान चलाकर कराया जाएगा टीकाकरण

National child health Programme

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इंसेफेलाइटिस पर थोड़ा-बहुत काबू पाई सरकार के होश अब डिप्थिरिया (गलाघोंटू) के बढ़ते मामलों पर उड़ गए हैं। यूपी के 37 जिलों में डिप्थिरिया के मामले सामने आने पर घर घर टीकाकरण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की 38 टीम के साथ रोजाना एक एएनएम फील्ड में जाएंगी और स्कूल में 10 व 16 वर्ष के बच्चों को टीडी (टिटनेस डिप्थिरिया) का टीका लगाएंगी। 10 वर्ष के बच्चों को टीडी-10 जबकि 16 वर्ष के बच्चों को टीडी-16 टीका लगेगा।
प्रदेश के 37 जिलों में डिप्थिरिया की रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 37 जिलों में डिप्थिरिया के संदिग्ध केस रिपोर्ट हुए हैं। गोरखपुर, बस्ती और संतकबीरनगर में दो-दो केस रिपोर्ट हुए हैं। सबसे ज्यादा 12 केसेज बुलंदशहर में रिपोर्ट हुए हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने जारी किया अलर्ट, होगा टीकाकरण

यूपी के महानिदेशक परिवार कल्याण ने प्रदेश के 37 जिलों को पत्र भेजकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। महानिदेशालय ने आदेश दिया है कि सभी सीएमओ अभियान चलाकर टीडी और डीपीटी का टीकाकरण करवाएं।
क्या होता है टीडी व डीपीटी का टीका

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एसीएमओ डाॅ. आईवी विश्वकर्मा ने बताया कि टीडी का टीका बच्चों का टिटनेस और डिप्थिरिया से बचाव करता है। गोरखपुर जनपद में डिप्थिरया के दो संदिग्ध केस रिपोर्ट हुए हैं, इसे देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों से डीपीटी द्वितीय बूस्टर का टीका लगवाने के लिए अभिभावकों को मोटिवेट कर बच्चे का टीकाकरण करवाने वाली आशा कार्यकर्ता को भी 50 रूपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है। अगस्त माह में अभियान के तौर पर टीडी और डीपीटी द्वितीय बूस्टर डोज लगाया जाएगा और छूटे हुए बच्चे कवर किए जाएंगे।
कोई दुष्परिणाम नहीं है

सीएमओ डाॅ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पांच साल के बच्चों को डीपीटी द्वितीय बूस्टर डोज, जबकि 10 और 16 साल के बच्चों को टीडी-10 और टीडी-16 का टीका अवश्य लगवाएं। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।
डिप्थिरया (गलाघोंटू) को जानिए

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