इस तरह हुई पिता-पुत्र की हत्या झंगहा थानाक्षेत्र के सुगहा गांव के रहने वाले जय हिंद यादव पुलिस विभाग से रिटायर्ड दरोगा थे। वह अपने पुत्र नागेंद्र यादव के साथ मंगलवार की शाम को गोरखपुर से घर जा रहे थे। घर जाते वक्त बरही चैकी के गजायलकोल पुलिया के पास बुलेट पर सवार कुछ बदमाश आतेे हैं और सरेराह गोलियों से भून कर फरार हो गए। गोली लगने से दोनों वहीं ढेर हो गए। गोली चलने की आवाज से लोग दौड़े हुए आये। दोनों वहीं पड़े रहे। देखते ही देखते परिजन व गांव के काफी संख्या में लोग पहुंच गए।
इसी बीच किसी की सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। लेकिन पुलिस को देखते ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोग आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते उनका गुस्सा भड़क गया। गुस्साएं लोगों ने पुलिस को दौड़ा लिया। पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। घटना के बारे में जानकारी होने पर क्षेत्रीय विधायक संगीता यादव भी पहुंची लेकिन लोगों ने उनको भी लोगों ने दौड़ा लिया। वह किसी तरह वहां से निकल सकीं।
लोगों का आक्रोश बढ़ता देख भारी मात्रा में फोर्स बुला ली गई। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। लोग शव को रखकर गुस्से का इजहार कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को हटाने केलिए लाठीचार्ज कर दिया। दौड़ा-दौड़ाकर लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। करीब तीन घंटें की मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। परिवारीजन को भी पुलिस अपने साथ लेकर गई। तनाव को देखते हुए गांव तथा आसपास के क्षेत्रों में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। रात भर निगहबानी होती रही।
इसी बीच किसी की सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। लेकिन पुलिस को देखते ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोग आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते उनका गुस्सा भड़क गया। गुस्साएं लोगों ने पुलिस को दौड़ा लिया। पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। घटना के बारे में जानकारी होने पर क्षेत्रीय विधायक संगीता यादव भी पहुंची लेकिन लोगों ने उनको भी लोगों ने दौड़ा लिया। वह किसी तरह वहां से निकल सकीं।
लोगों का आक्रोश बढ़ता देख भारी मात्रा में फोर्स बुला ली गई। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। लोग शव को रखकर गुस्से का इजहार कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को हटाने केलिए लाठीचार्ज कर दिया। दौड़ा-दौड़ाकर लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। करीब तीन घंटें की मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। परिवारीजन को भी पुलिस अपने साथ लेकर गई। तनाव को देखते हुए गांव तथा आसपास के क्षेत्रों में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। रात भर निगहबानी होती रही।
चक की जमीन के लिए हो चुकी है चार हत्याएं रिटायर्ड दरोगा जयहिंद यादव के परिवार की गांव में जमीन है। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष से कुछ सालों से विवाद चला आ रहा है। चकबंदी के दौरान यह विवाद गहराया। बताया जाता है कि इसी विवाद में जयहिंद यादव के भाई बलवंत और भतीजा कौशल की दूसरे पक्ष ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में पांच लोग नामजद थे। लेकिन दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी मुख्य आरोपी फरार चल रहा था। रिटायर्ड पुलिसकर्मी जयहिंद यादव पुलिस विभाग में तमाम बार अर्जी देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर चुके थे।
असलहा लेकर नहीं निकले थे जयहिंद
परिवार पर खतरा और घर के दो-दो लोगों की हत्या के बाद जयहिंद का परिवार दहशत में जीता था। आरोपियों के जेल में नहीं होने से इन लोगों का डर स्वभाविक था। वह अपने परिवार पर खतरा को देखते हुए राइफल लेकर चलते थे। लेकिन मंगलवार को वह बिना असलहा ही गोरखपुर गए हुए थे। शायद यह उनकी आखिरी भूल थी। लौटते वक्त निहत्थे पिता-पुत्र पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी।
परिवार पर खतरा और घर के दो-दो लोगों की हत्या के बाद जयहिंद का परिवार दहशत में जीता था। आरोपियों के जेल में नहीं होने से इन लोगों का डर स्वभाविक था। वह अपने परिवार पर खतरा को देखते हुए राइफल लेकर चलते थे। लेकिन मंगलवार को वह बिना असलहा ही गोरखपुर गए हुए थे। शायद यह उनकी आखिरी भूल थी। लौटते वक्त निहत्थे पिता-पुत्र पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी।