बात 2012 के विधानसभा चुनावों की है। अमर सिंह समाजवादी पार्टी से निकाले जा चुके थे। सपा से बाहर होने के बाद उन्होंने लोकमंच नाम से एक सियासी दल का गठन किया था। इस दल ने यूपी की 360 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए। अमर सिंह और सिने अभिनेत्री स्टार प्रचारक के रूप में दौरा कर रहे थे। गोरखपुर मंडल के भी अधिकतर सीटों पर अमर सिंह के लोकमंच से प्रत्याशी मैदान में थे। अमर सिंह गोरखपुर क्षेत्र में कई दिनों के प्रवास पर पहुंचे थे। उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी। चुनाव में इंटरव्यू के दौरान जब उनकी बढ़ी हुई दाढ़ी के बारे में सवाल हुआ तो अमर सिंह ने बड़ी बेबाकी से अपनी दाढ़ी की तुलना महाभारत के एक प्रसंग सुनाते हुए द्रोपदी के खुले बालों से की थी।
अमर सिंह ने कहा कि महाभारत में द्रोपदी ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए कौरवों के विनाश तक अपने केशों को खुला रखने की प्रतिज्ञा की थी, उसी तरह मैनें अपनी दाढ़ी को तबतक न कटवाने का निर्णय लिया है जबतक समाजवादी पार्टी को बर्बाद नहीं कर देता। सपा का खात्मा होने के बाद ही उनके अपमान का बदला पूरा होगा।
अमर सिंह ने कहा कि महाभारत में द्रोपदी ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए कौरवों के विनाश तक अपने केशों को खुला रखने की प्रतिज्ञा की थी, उसी तरह मैनें अपनी दाढ़ी को तबतक न कटवाने का निर्णय लिया है जबतक समाजवादी पार्टी को बर्बाद नहीं कर देता। सपा का खात्मा होने के बाद ही उनके अपमान का बदला पूरा होगा।
खैर, सियासी बयानबाजी के दौरान प्रतिज्ञा कोई मायने नहीं रखती। कुछ ही सालों बाद अमर सिंह की अजीत सिंह वाले रालोद से होते हुए वापसी समाजवादी पार्टी में हो गई। वह एक बार फिर राज्यसभा में सपा के टिकट पर पहुंचे। लेकिन कुछ ही महीनों में सपा से फिर खटास होने लगी। इसके बाद उनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ी। 2017 के विधानसभा चुनाव में अमर सिंह ने बीजेपी के समर्थन में कार्यक्रम किए। 2018 में वह खुलकर बीजेपी के साथ आ गए। एकबार फिर वह सपा के खिलाफ जमकर बोल रहे।