आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन की गीता पांडेय व नाहिदा ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनने पर कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने का काम किया जाएगा। सरकार बनने के बाद जब एक प्रतिनिधिमंडल उनसे वादा याद दिलाने को मिला तो 120 दिन की मोहलत मांगी गई। पधाधिकारिद्वय में बताया कि 19 जुलाई को यह समय सीमा बीत गई लेकिन सरकार ने वादा पूरी करने में कोई रूचि नहीं दिखाई।
उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को हम सब ने लखनऊ में प्रदर्शन किया था। पर उस दौरान सरकार का कोई प्रतिनिधि आश्वासन तक देने नहीं पहुंचा। गीता पांडेय व नाहिदा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री व सहायिका बेहद कम मानदेय पर काम कर रही हैं। उन लोगों को उतना मानदेय भी नहीं मिल रहा है जो लेबर एक्ट के नियम के मुताबिक तय है। नियमानुसार कार्यकर्त्रियों को 18 हज़ार मिलना चाहिए। संगठन लगातार मांग कर रहा कि कार्यकर्त्रियों को 18 व सहायिकाओं को 9 हज़ार मानदेय दिया जाए।
सबसे अहम यह कि सरकार महिलाओं के बारे में बात करती है और हम महिलाओं की दशा पर
ध्यान तक नहीं दे रही। यह सरकार इतना भी नहीं सोच रही कि इस महंगाई में हमारा गुजर बसर कैसे हो रहा। सरकार अपने वादे को पूरा करे। पदाधिकारिद्वय में बताया कि 18 को वह लोग कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेश सरकार को वादा याद दिलाने के लिए हम आगे भी आंदोलन को बाध्य होंगे। यह आंदोलन अब वादा पूरा होने तक चरणबद्ध तरीक़े से जारी रहेगा।
by DHIRENDRA GOPAL