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निषाद पार्टी ने दिखायी भाजपा को आंखें, पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का किया एलान, 2022 के लिये भी चेताया

locationगोरखपुरPublished: Jan 23, 2021 12:58:43 pm

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. संजय निषाद ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सबसे नए सहयोगी दल ‘निषाद पार्टी’ आगामी पंचायत चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने जा रही है। इसके अलावा उसने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपने इरादे साफ कर दिये हैं जो भाजपा के लिये सिरदर्द हो सकता है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. संजय निषाद की शिकायत है कि भाजपा ने अपना वादा नहीं पूरा किया, जिससे उनके समुदाय में रोष है। यदि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले मछुआ समुदाय को अनुसूचित जाति में नहीं शामिल किया गया तो उनकी पार्टी 2022 में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। राट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया है कि यूपी में कम से कम 100 विधानसभा सीटें निषाद बाहुल्य हैं। इन सीटों पर उनकी पार्टी जीत हासिल कर सकती है।

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डॉ. संजय निषाद ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। डॉ. संजय निषाद का कहना है कि भाजपा ने न तो अब तक मछुआ समुदाय को एससी में शामिल करने के अपने वादे पर अमल किया और न ही उन्हें राज्यसभा भेजे जाने का वादा पूरा किया। लखनऊ में पार्टी कार्यालय के लिये जगह न दिये जाने को लेकर भी वह बेहद नाराज दिखे।

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उनका दावा है क उत्तर प्रदेश में मछआ समुदाय के वोटरों की तादाद करीब-करीब 18 प्रतिशत है। 160 सीटें यूपी में ऐसी हैं जहां समुदाय के वोटरों की तदाद 80 फीसदी तक है। कम से कम 100 सीटें तो ऐसी हैं जहां उनकी पार्टी अकेले ही जीत हासिल करने की ताकत रखती है। उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा अपना वादा पूरा नहीं करती है तो वह उसका साथ छोड़कर किसी दूसरी पार्टी या गठबंधन के साथ जा सकते हैं।

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हालांकि संजय निषाद ने साथ यह भी कहा है कि अगर मछुआ समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया जाता है तो वह न सिर्फ गठबंधन में बने रहेंगे बल्कि भाजपा जितनी सीटें देगी उनकी पार्टी को मंजूर होगी। बताते चलें कि निषाद पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन के बाद यह पहली बार नहीं जब अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की हो। इसके पहले बीते साल 12 सितम्बर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र निषाद के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन के आवास का घेराव भी किया था और 25 सितम्बर को दिल्ली के तंजर-मंतर पर निषाद उपजातियों के आरक्षण की मांग को लेकर प्रदशर्न की चेतावनी भी दी थी। याद रहे कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ चली गयी थी और गोरखपुर की सीट भी बीजेपी को दे दी थी।

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