scriptभाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने दिखाए बगावती तेवर, कहा आरक्षण का वादा भूल गई बीजेपी | BJP Ally NISHAD Party Rebellion Act against over Reservation Demand | Patrika News

भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने दिखाए बगावती तेवर, कहा आरक्षण का वादा भूल गई बीजेपी

locationगोरखपुरPublished: Sep 12, 2020 08:16:39 pm

भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी नषिाद पार्टी 25 सतिम्बर को दिल्ली के तंजर-मंतर पर निषाद उपजातियों के आरक्षण की मांग को लेकर प्रदशर्न करेगी। उसके पहले शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र निषाद के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन के आवास का घेराव भी किया। निषाद पार्टी सपा का साथ छोड़कर लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ चली गयी थी और गोरखपुर की सीट भी बीजेपी को दे दी थी।

NISHAD Party Protest

निषाद पार्टी

गोरखपुर. समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर बीते 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन कर एनडीए का हिस्सा बनी यूपी की निषाद पार्टी ने भजपा को भी बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। निषाद पार्टी एक बार फिर आरक्षण की अपनी मांग को लेकर पुराने तेवर में दिखायी दे रही है। यहां तक कि शुक्रवार को तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र निषाद के नेतृत्व में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन के आवास का ही घेराव कर डाला। कार्यकर्ताओं ने सांसद से उनकी आरक्षण की मांग को सदन में उठाए जाने की मांग की है। इस संबंध में सांसद के प्रतिनिधि प्रदीप शुक्ला को पार्टी की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। अब उनका इरादा 25 सितम्बर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बड़ा प्रदशर्न कर ताकत दिखाने का है। हालांकि इसके पहले 15 सितम्बर को इस संबंध में एक ज्ञापन पीएम मोदी को भेजने की बात भी कही गयी है।

 

संजय निषाद एक बार फिर आरक्षण की मांग के अपने पुराने स्टैंड पर लौटते दिख रहे हैं। उन्होंने इसके लिये पहले की तरह फिर से आन्दोलन करने की तैयारी तेज कर दी है। संजय निषाद भारतीय जनता पार्टी पर आरक्षण को लेकर अपना वादा भूलने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने चुनाव के पहले वादा किया था कि निषादों की सभी उपजातियों को SC/ST में शामिल किया जायेगा। अब वो अपना वादा भूल गये हैं। इसलिये उन्हें याद दिलाने के लिए एक बार फिर आन्दोलन किया जा रहा है।


निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने निषादों की सभी उपजातियों को एक कर सभी के लिये आरक्षण की मांग को लेकर 2008 में राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद का गठन कर सभी जातियों को एसएसी/एसटी में शामिल करने के लिये आंदोलन शुरू किया। गोरखपुर और उसके आसपास तक सिमटा यह आंदोलन 2015 में गोरखपुर-संत कबी नगर बाॅर्डर स्थित कसरावल में आरक्षण को लेकर हुए उग्र आंदोलन में एक व्यक्ति की मौत के बाद सबकी नजरों में आया। तत्कालीन सपा सरकार ने आंदोलन करने वाले नेताओं को जेल में डाल दिया और संजय निषाद भूमिगत हो गए।

 

2016 में उन्होंने “निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल” यानि ‘निषाद’ पार्टी का गठन कर चुनावी राजनीति का ऐलान किया और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा से निकाले गए बाहुबली विजय मिश्रा का ज्ञानपुर निषाद पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीते। संजय निषाद को भी गोरखपुर ग्रामीण में अच्छे वोट मिले।

 

यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद हुए लोकसभा उपुनाव में तो संजय निषाद ने सपा के साथ गठबंधन कर सीएम योगी की गोरखपुर सीट पर ही भाजपा को पटखनी दे डाली और अपने बेटे प्रवीण निषाद को सांसद बना दिया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले वह पलटी मारते हुए भाजपा से जा मिले और संत कबीर नगर से अपने बेटे का भाजपा का टिकट भी दिलवाकर फिर सांसद बनवा लिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो