गोरखपुर जिले में दो लोकसभा सीट है। एक गोरखपुर सदर और दूसरा बांसगांव सुरक्षित। दोनों सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा है। लेकिन बीते लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सदर को समाजवादी पार्टी ने जीत ली। इस जीत में सपा-बसपा सहित कई छोटे दलों के गठबंधन का प्रयोग सफल तो हुआ ही आगे के चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक नया गठबंधन भी तैयार हो गया।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा का गठबंधन करीब-करीब तय है। इसके साथ ही छोटे दलों का भी इस गठबंधन का साथ मिल रहा। यह भाजपा के लिए परेशानी का भी सबब है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ की दूसरी लोकसभा सीट पर भी गठबंधन की नई चाल ने सबको बेचैन कर दिया है। राजनैतिक सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक सांसद जल्द ही पाला बदलने वाले हैं। यह माना जा रहा है कि कई बार सांसद रह चुके यह नेता बसपा के सिंबल पर चुनावी वैतरणी में उतरेंगे। इसके लिए बसपा के उच्चपदस्थ कई लोगों से बातचीत चल रही।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा का गठबंधन करीब-करीब तय है। इसके साथ ही छोटे दलों का भी इस गठबंधन का साथ मिल रहा। यह भाजपा के लिए परेशानी का भी सबब है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ की दूसरी लोकसभा सीट पर भी गठबंधन की नई चाल ने सबको बेचैन कर दिया है। राजनैतिक सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक सांसद जल्द ही पाला बदलने वाले हैं। यह माना जा रहा है कि कई बार सांसद रह चुके यह नेता बसपा के सिंबल पर चुनावी वैतरणी में उतरेंगे। इसके लिए बसपा के उच्चपदस्थ कई लोगों से बातचीत चल रही।