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वीवीआईपी गेस्ट थे भाजपा विधायक, बैठने के लिए सीट तक नहीं मिली

locationगोरखपुरPublished: Oct 23, 2019 04:40:40 pm

विधायक बोले, वीवीआईपी गेस्ट बनाकर बुलाते हैं तो साधारण सीट तक तो रखनी ही चाहिए
वीवीआईपी मेहमानों को भी सीट के लिए भटकना पड़ा
बैठने की जगह ही नहीं और कार्ड बांट दिया इफरात

वीवीआईपी गेस्ट थे भाजपा विधायक, बैठने के लिए सीट तक नहीं मिली

वीवीआईपी गेस्ट थे भाजपा विधायक, बैठने के लिए सीट तक नहीं मिली

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 38वां दीक्षांत समारोह बुधवार को अव्यवस्था की गिरफ्त में रहा। हद तो यह कि वीवीआईपी मेहमानों को भी सीट के लिए भटकना पड़ा, फिर भी बहुतों को बैठने की जगह नहीं मिली। वीवीआईपी आमंत्रण पत्र लेकर भाजपा विधायक को भी काफी देर तक इधर-उधर बैठने की जगह खोजते रहे, जब कोई जगह नहीं मिली तो सभागार के सबसे पिछली सीट पर जाकर किसी तरह बैठे।
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दरअसल, विवि के दीक्षांत का आयोजन कैंपस के दीक्षा भवन में किया गया था। दीक्षा भवन में बैठने की सीमित सीटें हैं। इस बार विवि की ओर से सीट से बहुत अधिक कार्ड्स बांट दिए गए थे। मेडल लेने वालों के अलावा शिक्षकों व कुछ सीमित मेहमानों के आने पर भी पूरी तरह भर जाने वाला दीक्षा भवन सभागार में इस बार अधिक कार्ड बांटे जाने से अव्यवस्था फैल गई। कार्यक्रम प्रारंभ होने के पहले ही बैठने को लेकर दिक्कतें सामने आने लगी लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आलम यह कि कई वीवीआईपी गेस्ट पहुंचे और सीट न होने पर परेशान होकर वापस भी हो लिए।
कुशीनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी करीब अस्सी किलोमीटर दूर से यात्रा कर विवि के समारोह में पहुंचे। हाथों में वीवीआईपी कार्ड लिए वह काफी देर तक इधर उधर भटकते रहे। कार्ड देकर विवि भी अपने मेहमानों को भूल चुका था। जब कहीं से कोई एक सीट तक देने वाला नहीं मिला तो हाॅल के उपरी तल पर बने दर्शक दीर्घा में पहुंचे। यहां भी कोई उनको बैठाने वाला नहीं मिला तो सभागार में सबसे पीछे एक खाली कुर्सी पर जाकर बैठ गए।
पत्रिका से बातचीत करते हुए भाजपा विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बताया कि ऐसी अव्यवस्था कहीं देखने को नहीं मिली। कार्ड देकर आमंत्रित किया जाता है और आने पर सामान्य तौर पर बैठने तक के लिए कोई नहीं पूछता। उन्होंने बताया कि इतने बड़े समारोह में अगर मेहमानों को आमंत्रण पत्र जाता है तो उनके लिए सीट भी आरक्षित रखनी चाहिए। कम से कम जनप्रतिनिधियों को तो इस तरह न आमंत्रित किया जाए।
कार्यक्रम में व्यस्तता की वजह से विवि का पक्ष अभी नहीं मिल सका है। पक्ष मिलते ही उसे भी स्थान दिया जाएगा।
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