यूपी में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए
बीजेपी अब अपने रूठे कार्यकर्ताओं को कहीं न कहीं समायोजित करने की प्लानिंग कर रही। ऐसे कार्यकर्ता जो वोटबैंक प्रभावित कर सकते हैं उनको संगठन से लेकर सत्ता के विभिन्न पदों पर आसीन करने की तैयारी चल रही है। हर जिले में इस बाबत कमेटियों को बनाया जा रहा है जो ऐसे 100 कार्यकर्ताओं को चिंहित करेंगे जिनको संगठन से लेकर सरकार में किसी लाभ के पद पर समायोजित किया जा सके। यह भी साफ है कि प्रदेश नेतृत्व ऐसे लोगों को परखने के बाद जिम्मेदारी देगा।
प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने जिलों के मुखिया को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं।
भारतीय जनता पार्टी अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। संगठन से लेकर सरकार तक में बैठे जिम्मेदार क्षेत्रवार, जिलेवार बैठक कर कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिए हैं। आनन-फानन में संगठन के पदों को भी भरा जा रहा है।
चूंकि, पिछले कुछ महीनों में सरकार और संगठन से जुड़े कई जिम्मेदारों की कार्यशैली से काफी संख्या में कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं, ऐसे में चुनावी वैतरणी पार करने में
भाजपा को मुश्किलें आ सकती हैं। इससे पार पाने के लिए उच्चपदस्थ भाजपा नेतृत्व ने रूठे और अलग-थलग पड़े कार्यकर्ताओं को मनाने की तरकीब निकाली है।
भाजपा ने जिलों से 100-100 ऐसे कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनवानी शुरू कर दी है जो संगठन या सरकार में किसी पद पर फिट बैठ जाएं और मिशन 2019 के लिए मुफीद साबित हों। इस सूची में ऐसे कार्यकर्ता शामिल किए जाएंगे जो आयातित न हो या पार्टी विरोधी कार्याें में शामिल न रहे हों।
संगठन सूत्रों की मानें तो ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं को निगमों, आयोगो के अलावा जिले स्तर पर बनने वाली समितियों में समायोजित करने का काम होगा। जिले स्तर पर चयन समिति में सांसद, विधायक और संगठन से जुड़े जिला स्तरीय पदाधिकारियों समेत कुल 13 सदस्यों की कमेटी इन नामों पर विचार कर सूची को अंतिम रूप देगी।