सुबह से ही गोरखपुर स्थित उनके आवास पर कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। कहीं ढोल नगाड़े बज रहे तो कहीं पटाखे छोड़े जा रहे थे। सब एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं।
14 साल का वनवास ख़त्म हुआ
14 साल के इंतजार के बाद शिव प्रताप शुक्ला को एक बार फिर सरकार में शामिल होने का मौका मिला है। बीजेपी के छात्र संगठन व युवा मोर्चा से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले शिवप्रताप शुक्ला गोरखपुर के पास स्थित रुद्रपुर के रहने वाले हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री शुक्ल की शिक्षा-दीक्षा गोरखपुर में हुई है। इन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। पेशे से अधिवक्ता शिव प्रताप शुक्ला इमरजेंसी में जेल भी जा चुके हैं। पहली बार शुक्ला 1989 में गोरखपुर शहर से बीजेपी की टिकट पर विधायक चुने गए। इसके बाद लगातार चार बार विधायक चुने गए। 1991, 1993, 1996 में भी भगवा को गोरखपुर शहर सीट पर फहराया।
14 साल के इंतजार के बाद शिव प्रताप शुक्ला को एक बार फिर सरकार में शामिल होने का मौका मिला है। बीजेपी के छात्र संगठन व युवा मोर्चा से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले शिवप्रताप शुक्ला गोरखपुर के पास स्थित रुद्रपुर के रहने वाले हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री शुक्ल की शिक्षा-दीक्षा गोरखपुर में हुई है। इन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। पेशे से अधिवक्ता शिव प्रताप शुक्ला इमरजेंसी में जेल भी जा चुके हैं। पहली बार शुक्ला 1989 में गोरखपुर शहर से बीजेपी की टिकट पर विधायक चुने गए। इसके बाद लगातार चार बार विधायक चुने गए। 1991, 1993, 1996 में भी भगवा को गोरखपुर शहर सीट पर फहराया।
इस दौरान जब जब बीजेपी की सरकार रही शिव प्रताप शुक्ला प्रदेश सरकार में मंत्री रहे।
लेकिन 2002 में उनको हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह लगातार संगठन में सक्रिय रहे। प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई। 2016 में शिव प्रताप शुक्ला का वनवास ख़त्म करते हुए पार्टी में अचानक राज्य सभा में भेजने का फैसला लिया।
लेकिन 2002 में उनको हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह लगातार संगठन में सक्रिय रहे। प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई। 2016 में शिव प्रताप शुक्ला का वनवास ख़त्म करते हुए पार्टी में अचानक राज्य सभा में भेजने का फैसला लिया।
मंडल से मोदी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र देवरिया सीट से चुनाव जीतकर मंत्री हुए थे। लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए लगातार उनको हटाने का कयास लगाया जा रहा था। इस बार कयास पर मुहर लग गई और कलराज मिश्र से इस्तीफा ले लिया गया। कलराज मिश्र के इस्तीफा से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व देने के लिए अब शिव प्रताप शुक्ला को मौका दिया गया है। आज शपथ ग्रहण ले बाद मंत्रालयों के बंटवारे में उनको वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।