यूपी के महराजगंज में ठीक एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मनोज ( काल्पनिक नाम) आज बैंड, बाजा बारात लेकर अपनी दुल्हन संगीता( काल्पनिक नाम) को लेने पहुंचा था। सब कुछ ठीक चल रहा था। द्वार पूजा हुई। सबने नाश्ता-पानी भी कर लिया। डांस भी कर लिया। अब बारी आई जयमाल की। दूल्हा स्टेज पर जाकर अपनी दुल्हनिया का इंतजार कर रहा था।
तभी लड़की पक्ष के लोग परेशान होने लगे। क्योंकि उनकी बेटी जिसकी शाद थी उसे उसका प्रेमी उसे लेकर फरारा हो चुका था। अब मां-बाप की इज्जत दांव पर थी। बार-बार पूछा जा रहा था कि, होने वाली दुल्हन को बुलाया जाए, कहां है। लेकिन, लड़की के पिता को यह समझ नहीं आ रही था कि, ये बात लड़के पक्ष वाले को कैसे बताई जाए। आखिरकार वो समय आ गया जब या तो आर होता या पार। लड़की के पिता ने बहुत हिम्म्त करके यह बात लड़के के पिता को बताई, साथ ही कहा अब मेरी इज्जत आपके हाथों में है। लड़की के लाचार पिता ने समधी से दया की गुहार लगाई। काफी देर तक दोनों पक्ष में बात होने के बाद यह तय हुआ कि, लड़की की छोटी बहन गुड्डी (काल्पनिक नाम) के साथ शादी कर दी जाए। जब यह सवाल एक पिता ने अपनी छोटी बेटी से पूछा तो उसने इस शादी के लिए हां कर दिया। वो तो अपनी बड़ी बहन की शादी की तैयारी कर रही थी। उसे क्या पता था कि, अचानक कुछ ऐसा हो जाएगा। लेकिन, उसके एक फैसले ने सबकुछ ठीक कर दिया। सबने उसके इस समझदारी की तारीफ की और आशीर्वाद दिया।
दोनों पक्ष के लोगों ने वैवाहिक
कार्य सम्पन्न कराया तथा सुबह लड़की के परिजनों ने अखंड सौभाग्यवती होने का आशीष देकर अपनी इस बेटी को तो विदा किया।