बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी ने चुनाव आयोग में की शिकायत, बसपा के चिल्लूपार से विधायक हैं विनय शंकर तिवारी
गोरखपुर. बाहुबली पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र व चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी रहे बीजेपी नेता पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी ने विधायक पर तथ्य छुपाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री में चुनाव आयोग में इस बाबत शिकायत कर चुनाव को निरस्त करने की मांग की है।
चुनाव आयोग में शिकायत करने वाले पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी के अनुसार बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने विधानसभा चुनाव में शपथ पत्र जो रिटर्निंग अधिकारी को दिया है उसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य को छुपा लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एमएलए विनय शंकर तिवारी ने शपथ पत्र में दर्शाया है कि उनके, उनकी पत्नी व उनके बेटे पर बैंक का किसी प्रकार का बकाया नहीं है।
के इस्तीफे को लेकर प्रकाश राज के बयान से उड़ जायेगी बसपा की नींद प्रत्याशी के रूप में भरे शपथ पत्र में बैंक, वित्तीय संस्थाओं और अन्य ऋण के अपने तथा आश्रितों के कालम में शून्य दर्शाया है। पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी ने दावा किया है कि विनय शंकर तिवारी ने कन्दर्भ कंस्ट्रक्शन इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए बिजनौर की ज़मीन को बंधक रखकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 117 करोड़ 96 लाख रुपये अपने, पत्नी रीता तिवारी, बेटे कन्दर्भ तिवारी व अन्य के नाम पर कर्ज लिया है। पूर्व मंत्री के अनुसार इस रकम को जमा न करने पर बैंक ने उन्हें नोटिस भेजते हुए 123 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। इसके साथ ही कुर्की की भी चेतावनी दी है।
बीजेपी नेता ने इसके अलावा भी कई तथ्यों को छुपाकर परचा भरने व चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग में शिकायत के साथ साथ त्रिपाठी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय व डीएम गोरखपुर को भी पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।