एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 14 मई को यूनिवर्सिटी में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर पोर्न स्टार को बुलाकर छात्रों के बीच अश्लीलता फैलाई गई। जिसका गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ता विरोध करने यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे कि प्रो.वीके पांडेय और डॉ. अभिजीत मिश्रा के साथ अन्य शिक्षकों ने सुनियोजित तरीके से छात्रों में गलत अफवाह फैला दी। जिसके बाद एमएमएमयूटी के 300 करीब छात्र आ गए और कार्यकर्ताओं की पिटाई करने लगे। एबीवीपी के सुयश पांडेय,रवि गोस्वामी, प्रभात, प्रशांत त्रिपाठी, सागर कसेरा घायल हो गए। आरोप है कि उन पर धारदार हथियार, लाठी और डंडे से प्रहार किया गया।
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा है कि इस प्रकरण में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह एकतरफा कार्रवाई है। विश्वविद्यालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसे लेकर कमेटी का गठन किया गया है। इसे लेकर विश्वविद्यालय कोई भी कार्रवाई जांच रिपोर्ट के बाद ही करेगा। इसके पीछे विश्वविद्यालय का मकसद सही दिशा में कार्यवाही करना है। विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच कमेटी ने संपूर्ण प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी तरह से निष्पक्ष हो, इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कमेटी के लिए दो सदस्यों की मांग की गई है। उनसे एक सदस्य प्रशासन की ओर से,दूसरा सदस्य पुलिस की ओर से मांगा गया है। जल्द ही जांच समिति से पुलिस-प्रशासन के सदस्य जुड़ जाएंगे।