यूपी में बालू के अवैध खनन व ठेके-पट्टों में करोड़ों की राजस्व चोरी के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। दो दिन पहले ही सीबीआई ने चर्चित अधिकारी डीएस उपाध्याय समेत तीन आईएएस व कई लोगों के करीब एक दर्जन ठिकानों पर छापामारी की थी।
सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में दो ठेकेदारों पर भी केस दर्ज किया है। इनमें से देवरिया के रामपुर कारखाना क्षेत्र के शाहजहांपुर के शारदा यादव व बरईपार के फूलबदन निषाद हैं। दोनों ने साल 2009 में गंडक नदी के अलग-अलग घाटों पर बालू खनन का ठेका तीन साल के लिए लिया था।
आरोप है कि तय अवधि बीतने के बाद भी तत्कालीन डीएम देवरिया विवेक व एडीएम डीएस उपाध्याय ने न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर पट्टों का नवीनीकरण कर दिया। खनन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह ने भी गलत तरीके से इन लोगों को फार्म 11 उपलब्ध करा दिया। इन अधिकारियों से मिलीभगत कर ठेकेदारों ने सरकारी राजस्व का काफी चूना लगाया।
सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में दो ठेकेदारों पर भी केस दर्ज किया है। इनमें से देवरिया के रामपुर कारखाना क्षेत्र के शाहजहांपुर के शारदा यादव व बरईपार के फूलबदन निषाद हैं। दोनों ने साल 2009 में गंडक नदी के अलग-अलग घाटों पर बालू खनन का ठेका तीन साल के लिए लिया था।
आरोप है कि तय अवधि बीतने के बाद भी तत्कालीन डीएम देवरिया विवेक व एडीएम डीएस उपाध्याय ने न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर पट्टों का नवीनीकरण कर दिया। खनन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह ने भी गलत तरीके से इन लोगों को फार्म 11 उपलब्ध करा दिया। इन अधिकारियों से मिलीभगत कर ठेकेदारों ने सरकारी राजस्व का काफी चूना लगाया।
सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है। बुधवार को जब सीबीआई यूपी के 12 ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची उसमें ठेकेदार शारदा यादव का भी नाम शामिल था। दो गाड़ियों में करीब आधा दर्जन की संख्या में सीबीआई के लोग जब शारदा यादव के घर पहुंचे तो अवाक रह गए। वजह यह कि जिस शारदा यादव को टीम खोजते हुए पहुंची थी उनके मरे करीब छह माह बीत चुके थे।
परिजन ने बताया कि वह देवरिया के किसी व्यक्ति के साथ बालू खनन का काम करते थे लेकिन उसके बारे में भी वे लोग कुछ बता नहीं पाए। कुछ देर रहने के बाद खाली हाथ सीबीआई टीम वहां से लौट आई।
अब टीम उस शख्स के बारे में पता लगाने में जुटी है जो शारदा यादव के साथ काम करता था। जांच टीम को यह भी शक है कि खनन कार्यालय से जुड़े लोग मृतक ठेकेदार के नाम पर गोलमाल में शामिल हो सकते हैं।
परिजन ने बताया कि वह देवरिया के किसी व्यक्ति के साथ बालू खनन का काम करते थे लेकिन उसके बारे में भी वे लोग कुछ बता नहीं पाए। कुछ देर रहने के बाद खाली हाथ सीबीआई टीम वहां से लौट आई।
अब टीम उस शख्स के बारे में पता लगाने में जुटी है जो शारदा यादव के साथ काम करता था। जांच टीम को यह भी शक है कि खनन कार्यालय से जुड़े लोग मृतक ठेकेदार के नाम पर गोलमाल में शामिल हो सकते हैं।