सबसे जरुरी बात पर ध्यान नहीं दिया गया गोरखपुर के 209 परीक्षा केंद्रों पर नकल विहीन परीक्षा के लिये 5100 ( पांच हजार एक सौ) कक्ष निरीक्षकों की आवश्यकता है। लेकिन पहले दिन की परीक्षा बीतने तक महज 3900 कक्ष निरीक्षक ही मिल सके हैं। इसमें भी बहुत सारे परीक्षा ड्यूटी में नहीं पहुँच रहे हैं। कक्ष निरीक्षकों की कमी से केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षा कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। इसी तरह एक केंद्र पर मंगलवार को पहले दिन परीक्षा सुचारू रूप से कराने को 49 कक्ष निरीक्षक चाहिए था लेकिन पहुंचे महज 23 थे। यह केंद्र तो बानगी मात्र है। करीब करीब हर केंद्र का हाल यही है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि राज्य सरकार की नकल विहीन परीक्षा की मंशा का पालन कराने के लिए व्यवस्थापकों को क्या क्या पापड़ बेलना पड़ता होगा और अंदर किस तरह व्यवस्था हो रही होगी।