मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की शाम गोरखपुर के पाली ब्लाक अंतर्गत पाली प्यारी देवी डिग्री कालेज परिसर में चड़राव, माठ, विरार और कोहारभार गांवों के बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत समाग्री का वितरण किया। इसके पहले उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से संकट के समय धैर्य बनाए रखने का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन हमें धर्म, सत्य और न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। हम धैर्य बनाए रखते हुए हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। हमें कोरोना से बचना है तो बाढ़ से भी निपटना है। कहा कि ऐसे समय में जब देश दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समय पर लिये गए निर्णयों से संकट से मुकाबला संभव हो पाया है। उन्होंने कोरोना और बाढ़ संकट से मुबकाबले के लिये शासन-प्रशासन और जनता से एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस बात की सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी पीड़ित और प्रभावित को परेशानी न होने दी जाय। उन्हें समय से राहत समाग्री व दूसरी सुविधाएं मुहैया हो सकें। कहा कि पीड़ितों को हम 10 किलो चावल, 10 किलो गेहूं, आलू, लाई, भुना चना, दाल, तेल, नमक और मिट्टी का तेल दे रहे हैं। कोरोना काल में महीने में दो बार राशन दिये जाने की व्यवस्था की गई है। रसोई गैस कनेक्शन भी दिये जा रहे हैं।
बाढ़ पीड़ितों को राहत समाग्री बांटने के बाद मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस पहुंचकर वहां अधिकारियों संग बैठक कर कोनोना व बाढ़ की स्थितियां जानीं। बीआरडी मेडिकल कालेज में निर्माणाधीन चाइल्ड केयर अस्पताल के निमार्ण कार्य की भी समीक्षा की। प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि पीड़ितों को निराश न किया जाय। उन्होंने कहा कि तीन साल के प्रयासों से पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस से हर साल जुलाई से नवंबर के बीच होने वाली 1200 से 1500 मौतों में 90 फीसदी तक की कमी आई है। कहा कि जिस तरह इंसेफेलाइटिस, डेंगू और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव में जनसहयोग से सार्थक परिणाम मिले हैं उसी तरह सब मिलकर कोरोना को भी हरा देंगे।