Read this also: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बतार्इ ये बातें, जताया शोक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गोरखनाथ मंदिर(Gorakhnath Mandir) में होने वाले आयोजन के लिए शुक्रवार की देर रात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे थे। गोरखपुर प्रवास के दौरान नियमित दिनचर्या में लोगों से मुलाकात भी शामिल रहती है। सांसद के रूप में भी योगी आदित्यनाथ नियमित मंदिर के कार्यालय में बैठकर लोगों की फरियाद सुनते रहे हैं और उसका निस्तारण करते रहे हैं। 2017 में सीएम बनने के बाद मंदिर में आने वाले फरियादियों की संख्या में अचानक से इजाफा हो गया। मंदिर में प्रवास के दौरान हजारों की संख्या में लोग अपनी शिकायत लेकर पहुंचने लगे। फरियादियों को कोई परेशानी न हो इसलिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में ही एक कैंप कार्यालय बनवा दी। कैंप कार्यालय में एक ओएसडी की तैनाती थी। अब रिटायर्ड अधिकारी मोतीलाल सिंह कार्यालय के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। वह मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में आने वाली समस्याओं को सुनते हैं और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजवाते हैं।
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शनिवार को भी पूर्व की भांति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दरबार लगाई। लेकिन वह हिंदू सेवाश्रम कैंप कार्यालय में न सुनकर मंदिर परिसर के मुख्य कार्यालय में ही फरियाद सुनी। करीब 100 लोग बारी-बारी से उनके पास गए और समस्या समाधान के लिए अपनी बात रखी। योगी ने सभी की समस्या को ध्यान से सुना और समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान करना संबंधित विभाग के अधिकारियों का दायित्व है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग की शिकायतों का निस्तारण जल्द करें। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने फरियादियों से कहा कि यहां से जाने के बाद यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो संबंधित विभाग के अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैंप कार्यालय में भी करीब तीन सौ फरियादियों की शिकायतें सुनी गई।