मंदिर में चल रहे रुद्रमहायज्ञ व शिवपुराण कथा भी सम्पन्न
सीएम योगी ने किया मानसरोवर मंदिर में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा
शहर के मानसरोवर मंदिर में चल रहे रुद्रमहायज्ञ व शिवपुराण कथा का समापन गुरुवार को किया गया। गुरुवार को दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसरोवर मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद मंदिरों में मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा किया गया।
निर्धारित समय 12ः30 बजे पहुंचकर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग यजमान के साथ उद्घाटन का कार्य किया। इसके बाद उन्होंने यज्ञ मंडप में हवन भी किया। हवन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिसर में चल रहे शिव महापुराण कथा में पहुंचकर कथा व्यास की पूजा की। अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उजाड़ देना बहुत आसान होता है लेकिन बनाना बहुत मुश्किल, हम निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोहल्ले में कीर्तन कमेटियां गठित होनी चाहिए, इससे तनाव से मुक्ति मिलेगी। तनाव से मुक्ति के लिए हरि भजन से दूसरा कोई सशक्त माध्यम हो नहीं सकता। जो लोग दूसरे की शिकायत करते हैं, उन लोगों से इससे मुक्ति मिल जाएगी, लोग अच्छी दिशा में सोचने लगेंगे। इंसान के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि गोरखपुर के अंदर जितने भी जीर्ण-शीर्ण हो चुके देवस्थल हैं, उन सभी को जन सहयोग के माध्यम से एक पवित्र माहौल बनाने का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा हमेशा आगे बढ़ाती है और नकारात्मक ऊर्जा पीछे करती है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि मंदिर में कहीं गंदगी न हो, अगर कहीं गंदगी हो तो उसे हमें खुद साफ कर देना चाहिए। सफाईकर्मी का इंतजार नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से जो काम अधूरा था, वो पूरा हुआ। यहां की जनभावनाओं के अनुरूप मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। इसके लिए हम चारों दानकर्ता, जिन्होंने मंदिर का निर्माण कराया है, उनको हृदय से शुभकामनाएं देते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि मानसरोवर एक पवित्र मंदिर है। सैकड़ों वर्षों से गोरखपुर के लोगों का प्रमुख मंदिर रहा है। लोगों के इस तरफ ध्यान नहीं देने से धीरे-धीरे ये मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गया। मूर्तियां पुरानी और खंडित होने लगीं, हम लोगों ने 10 साल पहले यहां मौजूद तालाब के सौंदर्यीकरण के कुछ काम को आगे बढ़ाया था पर आज ये मंदिर जितना सुंदर है, उतना तब नहीं हो पाया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पर्यटन विभाग ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम अपने हाथ में लिया है और चार दानदाताओं ने मंदिर बनावा दिया। जिसके बाद ये स्थान अत्यन्त सुंदर हो गया है बीच के कालखंड में यहां पर बहुत दुर्व्यवस्था हो गयी थी, श्रद्धालुओं की संख्या घट गयी थी, इन सारी बातों को लेकर मेरे मन में ये बात आती थी कि कहीं ये मंदिर गिर न जाए, इसके बाद इसके सौंदर्यीकरण कराने का जिम्मा उठाया तो चार दानदाता आगे आये।