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कुशीनगर सीएमएस का वेतन रोका, महराजगंज सीएमओ को नोटिस

locationगोरखपुरPublished: Dec 11, 2017 07:20:18 pm

कुशीनगर-महराजगंज से स्वास्थ्य सेवा बदहाल, कमिश्नर समीक्षा में आंकड़ें देख बिफरे

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री के जाने के बाद कमिश्नर अनिल कुमार ने मंडलीय समीक्षा की। कुशीनगर व महराजगंज में नवजात के लिए चलाये गये कार्यकर्मों बेहद खराब स्थिति को देखते हुए कई अधिकारियों पर गाज गिराई है। लापरवाही में कुशीनगर के सीएमएस का वेतन रोकने का आदेश दिया तो महराजगंज के सीएमओ को नोटिस जारी किया है।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि महराजगंज में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं में कई मामलों में पिछड़ा है। दो एम्बुलेंस निष्क्रिय पड़ी है जिन्हें ठीक नही कराया गया है। जिला अस्पताल में 319 दवाएं उपलब्ध रहनी चाहिए जबकि मात्र 98 दवाएं ही उपलब्ध है। कुशीनगर के सीएमएस ने बताया कि उनके यहां 127 दवाएं उपलब्ध हैं।
कमिश्नर की समीक्षा में पता चला कि महराजगंज में घर-घर न्यू बार्न बेबी की देख रेख कार्यक्रम के तहत अक्टूबर में 64 प्रतिशत उपलब्धि थी जो नवम्बर में घटकर 53 प्रतिशत रह गयी है। कुशीनगर में यह 59 से घटकर 49 प्रतिशत रह गया है। इस कार्यक्रम में अन्तर्गत प्रत्येक आशा को थर्मामीटर, वजन मशीन, हैण्डवाशिंग व स्तनपान का तरीका नवजात के घर जाकर दिखाना है तथा रिपोर्ट देनी है जो कि नही हो पा रहा है, इसे शत प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य है। गोरखपुर देवरिया जिले में इस कार्यक्रम की स्थिति बेहतर है। इस योजना में ब्लाक कोआर्डिनेटर व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को सुपरविजन करना है जो नही हो रहा है। मण्डलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की अलग से समीक्षा करें।
लेकफेड नहीं बना रहा स्वास्थ्य उपकेंद्र

मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि चिकित्सालयों में डाक्टर व स्टाफ की उपस्थिति की नियमित जांच करते रहें। यह दिन के साथ साथ रात में भी करायी जाये।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पताल भवनों के निर्माण की स्थिति की समीक्षा किया। उन्होंने पाया कि कई कार्य का रिवाइज स्टीमेट विभाग को भेजा गया है और धनाभाव के कारण निर्माण रूका पड़ा है। उन्होंने इसकी प्रभावी पैरवी का निर्देश दिया है।
सीडीओ महराजगंज राम सिंहासन प्रेम ने बताया कि 25 स्वास्थ्य उप केन्द्र लेकफेड द्वारा बनाना था लेकिन अब यह नही बना पायेंगे। गोरखपुर में नर्सेस हास्पिटल तथा रोगी आश्रय स्थल भी धनाभाव के कारण अधूरा है। मण्डलायुक्त ने नई सड़कों के निर्माण, सेतुओं का निर्माण, स्वेटर वितरण, गन्ना मूलय का भुगतान, अमृत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना शहर व ग्रामीण, विद्युत सब स्टेशन्स का निर्माण, विद्युत कनेक्शनों का संयोजन, स्वच्छ भारत मिशन, अवैध खनन के विरूद्ध कार्यवाही आदि की ग्रहन समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये।
इंसेफलाइटिस पर नियमित कार्यवाही जरूरी
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि इंसेफलाइटिस के विरूद्ध स्वच्छता अभियान, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, शौचालय निर्माण व बाड़े शहरी क्षेत्र से हटाने की कार्यवाही करते रहें। मण्डल में इंसेफलाइटिस प्रभावित गांव में कुल 27786 शौचालय बनाया जाना था जिसमें से 23846 शौचालय बन गये हैं। कुल 1741 में से 199 सुअरबाड़े शहरी क्षेत्र से हटाये गये हैं। 21914 में से 1717 इंडिया मार्क टू हैण्डपम्प रिबोर कराये गये हैं। शौचालय निर्माण के लिए 14वें वित्त आयोग से धनराशि प्राप्त हो गयी है।

ऐसी आशा बहुओं को किया जाएगा चिन्हित जो परीक्षण में मददगार

मंडलायुक्त अनिल कुमार ने कहा कि लिंगानुपात परीक्षण निषेध अधिनियम के तहत अपंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर तत्काल बन्द कराये तथा मुखबिर योजना को लागू करें। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी सभी डीएम की है। वे अपने स्तर से अल्ट्रासाउण्ड चेक करने के लिए अधिकारी नामित करें। केवल प्रशिक्षित डाक्टर के पर्चे पर ही गर्भवती महिला की जांच करायी जाये।
उन्होंने कहा कि शून्य से 6 वर्ष आयु के वर्ग में लड़का एवं लड़की का अनुपात तेजी से घटा है जो कि गहरी चिन्ता का विषय है। आने वाले 20 वर्ष में इसका दृष्प्रभाव देखने को मिलेगा जब लडकियों की संख्या कम हो जायेगी। देवरिया,गोरखपुर मे यह अनुपात ठीक है परन्तु सर्तक रहने की आवश्यकता है।
उन्होने निर्देश दिया है कि मुखबिर योजना क्रियान्वित करें साथ ही ऐसी आशा और एएनएम को भी चिन्हित करें जो गांव से गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक रूप से अल्ट्रासाउन्ड सेन्टरों पर ले जाती है और पहचान कराने मे सहयोग करती है। अपर निदेशक स्वास्थ्य पुष्कर आन्नद ने बताया है कि मण्डल मे कुल 338 अल्ट्रासाउन्ड सेन्टर है जिससे 244 की जांच की गयी हैं 38 सेन्टर सील किये गये है। दो के विरूद्व एफआईआर भी दर्ज कराया गया है।
मण्डलायुक्त अनिल कुमार ने निर्देश दिया है कि राजस्व ग्राम घोषित वन टांगियां गांव में विकास कार्यों में तेजी लायें। यहां विद्युतिकरण, आवास- शौचालय निर्माण, स्कूल- आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का प्रस्ताव विभाग को दें। संयुक्त आयुक्त खाद्य जी.पी. राय ने बताया कि पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। चार हजार से अधिक आबादी होने पर एक नई दुकान खोली जा सकती है। वर्तमान में निकट के गांव से सम्बद्ध कर राशन दिया जा रहा है।
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया है कि चारों जिलों के विकास कार्यों के लिए सर्वाधिक धन प्राप्त करने वाले दो-दो ग्राम सभाओं के धन के सापेक्ष सभी कार्यों का सत्यापन करायें। उन्होंने निर्देश दिया कि मण्डल में संचालित एंव निर्माणाधीन सभी पापलाइन पेयजल योजना का बीडीओ, जलनिगम सत्यापन कर रिपोर्ट दें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी गोरखपुर राजीव रौतेला, महराजगंज वीके सिंह, देवरिया सुजीत कुमार, कुशीनगर आन्द्रा वामसी, सीडीओ गोरखपुर अनुज सिंह, कुशीनगर सहित मण्डलीय व जनपदीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का संचालन संयुक्त विकास आयुक्त ए.ए. अंसारी ने किया।

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