किसानों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ बदल गए हैं। अपना वादा पूरा नहीं कर रहे। धरनारत किसानों का कहना था कि यह मामला सूबे के मुखिया व स्थानीय सांसद रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी है। जब योगी आदित्यनाथ सांसद थे, तब उन्होंने हमारे आंदोलन का समर्थन किया था। वह स्वयं भी इस अधिग्रहण के विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने थे। आज जब वह स्वयं प्रदेश के मुखिया हैं, तो वह इस मामले से कन्नी काट रहे हैं। किसानों ने कहा कि जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि 392 ऐसे आवंटी है, जिनको रजिस्ट्री की जा चुकी है। इन आवंटियों को कब्जा दिलाने के लिए ही टीम आई है। मौके पर बनी सड़कें, नालियां आदि इसका प्रमाण है कि यहां हमारा कब्जा पहले से है। अधिकारी ने कहा कि माननीय उच्च नयायालय ने कब्जा दिलाने का आदेश दे रखा है, जिसका अनुपालन कराने ही हम पहुंचे हैं ।
कांग्रेस नेताओं ने दिया समर्थन
भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरने पर बैठे किसानों एवं भूस्वामियों को कांग्रेस का साथ मिल गया है। धरने की खबर मिलते ही कांग्रेस नेता राणा राहुल सिंह समेत अन्य नेता मौके पर पहुंचे और किसानों के पक्ष्र में धरने पर बैठ गए। कांग्रेस नेताओं ने भी सत्ता से दूर रहने पर समर्थन और मुख्यमंत्री बनने पर उदासीन रवैये के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और सवाल उठाया कि योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों का समर्थन किया जाना कहीं ढ़ोंग तो नहीं।
भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरने पर बैठे किसानों एवं भूस्वामियों को कांग्रेस का साथ मिल गया है। धरने की खबर मिलते ही कांग्रेस नेता राणा राहुल सिंह समेत अन्य नेता मौके पर पहुंचे और किसानों के पक्ष्र में धरने पर बैठ गए। कांग्रेस नेताओं ने भी सत्ता से दूर रहने पर समर्थन और मुख्यमंत्री बनने पर उदासीन रवैये के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और सवाल उठाया कि योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों का समर्थन किया जाना कहीं ढ़ोंग तो नहीं।
मुस्तैद रही आरएएफ
किसानों के धरने पर बैठते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। भारी पुलिस बल के साथ ही पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को मौके पर बुला लिया गया। अधिकारी धरनारत किसानों को मनाने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन समाचार लिखे जाने तक किसानों का धरना जारी था।
किसानों के धरने पर बैठते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। भारी पुलिस बल के साथ ही पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को मौके पर बुला लिया गया। अधिकारी धरनारत किसानों को मनाने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन समाचार लिखे जाने तक किसानों का धरना जारी था।
यह है मामला
जीडीए ने किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था। किसान अधिग्रहित भूमि के लिए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा देने, मकान, स्कूल, आवास विहीन लोगों को आवास उपलब्ध कराने, धार्मिक स्थलों को अधिग्रहण के दायरे से बाहर रखने की मांग करते हुए मांगें पूरी किए जाने तक भूमि अधिग्रहित करने का विरोध कर रहे हैं।