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दलित होने की वजह से महिला प्रधान को झंडा फहराने से रोका, प्रधानाध्यापक बोले-कोर्इ दलित नहीं…

locationगोरखपुरPublished: Aug 15, 2018 06:15:32 pm

 
पुलिस ने मामला शांत कराया, विभाग आजादी दिवस मना रहा

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दलित होने की वजह से महिला प्रधान को झंडा फहराने से रोका, प्रधानाध्यापक बोले-कोर्इ दलित नहीं…

महराजगंज के बृजमनगंज ब्लाॅक में एक दलित महिला ग्राम प्रधान को अपनी जाति का दंश झेलना पड़ रहा है। दलित प्रधान को सवर्ण मानसिकता वाले प्रधानाध्यापक ने झंड़ा फहराने से रोक दिया। दलित महिला ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक ने कहा कि कोई भी दलित आज तक यहां झंडा नहीं फहराया इसलिए वह झंडा नहीं फहरा सकती हैं।
बृजमनगंज ब्लाॅक के महुआरी गांव में पंचायती राज व्यवस्था के तहत इस बार प्रधानी की सीट दलित महिला के लिए आरक्षित थी। इस बार गांव की दलित महिला रीता देवी प्रधान हुई हैं।
गांव के प्राथमिक विद्यालय महुआरी में आज स्वतंत्रता दिवस पर वह झंडारोहण करने पहुंची थी। महिला प्रधान रीता देवी ने बताया कि उनको दलित होने के नाते झंड़ा फहराने से रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि जब वह स्कूल में पहुंची तो सवर्ण जाति से ताल्लुक रखने वाले प्रधानाध्यापक ने उनको रोका। प्रधानाध्यापक ने हाथ से तिरंगे की डोर छीनकर स्वयं झंडारोहण किया।
बताया जा रहा है कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त स्कूल के छात्र व अभिभावक भी मौजूद थे। मौजूद अभिभावकों ने जब प्रधानाध्यापक के इस रवैये का प्रतिरोध किया तो प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय में आज तक कोई भी दलित ध्वजारोहण नही किया है इसलिए वह झंडारोहण करेंगे। बताया जा रहा है कि दलित महिला ग्राम प्रधान को विद्यालय परिसर से बाहर जाने के लिए भी बोला गया।
गांववालों के मुताबिक किसी ने इस घटना के दौरान ही पुलिस को भी सूचित कर दिया। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मामले को संभाला।
ग्रामीणों के मुताबिक कि बीते 26 जनवरी को भी इस तरह का मामला आया था। तब जूनियर विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक रामकेवल पासवान के हस्तक्षेप से दलित महिला ग्राम प्रधान से झंडा फहरवाया था।
उधर, इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अनभिज्ञता जाहिर कर रहे। इस बाबत आरोपी प्रधानाध्यापक से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका है।

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