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एससी/एसटी कोटे की सीटों पर जीतने वाले जनप्रतिनिधियों का दलित करेंगे सामाजिक बहिष्कार !

locationगोरखपुरPublished: Mar 30, 2018 03:34:57 am

गोरखपुर से उठी आवाज, सुरक्षित सीटों से जीतने वाले जनप्रतिनिधि नहीं उठा रहे अपने समाज की आवाज

purvanchal sena
गोरखपुर। पूर्वांचल सेना ने लोकसभा व विधानसभा की सुरक्षित सीटों से चुनाव जीतकर सदन में पहुंचने वाले दलित सांसदों-विधायकों को आड़े हाथों लिया है। आरोप लगाया है कि ये लोग दलित हितों की लड़ाई लड़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं। गोरखपुर में सेना ने प्रदर्शन कर दलित जनप्रतिनिधियों को सामाजिक बहिष्कार के लिए भी चेताया।
जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बाल्मिकी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार 10 वर्षों में दलित उत्पीड़न की घटनाओं में 66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। देश में हर 15 मिनट पर दलित उत्पीड़न की घटना घट रही है। जिसमें दलित महिलाओं के साथ बलात्कार, दलितों के साथ मारपीट, उनकी हत्या और उनके जमीनो पर कब्जे आदि घटनाएं शामिल हैं। इन आंकड़ों से साफ हैं कि देश की राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा में दलितों के अधिकारों पर कुठाराघात की खिलाफत करने के लिए सुरक्षित सीटों से चुने गए सांसद विधायक निकम्मे हो गए हैं। ये उनके निकम्मेपन की देन है कि आज देश में एकमात्र दलित रक्षा के कानून एससी एसटी एक्ट को निष्प्रभावी किए जाने के खिलाफ इन निकम्मों की कोई आवाज नहीं निकल रही है।
उन्होंने कहा कि समाज मे गैरबराबरी को समाप्त कर समतामूलक समाज की स्थापना के लिए लोकतंत्र की प्रभावी संस्थाओं में एससी/एसटी को प्रतिनिधित्व देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन हमारे दलित जनप्रतिनिधियों ने आरक्षण का लाभ लेने के बाद अपने समाज की सुधि लेनी ही छोड़ दी। उन्होंने कहा इनकी चुप्पी ने देश में जातीय हिंसा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाया है। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी हजारों सालों से शोषित और वंचित समाज है। 1950 में संविधान लागू होने के बाद इसे कुछ हक और अधिकार मिला। लेकिन अभी यह समाज पूरी तरह से मुख्यधारा में नहीं आ पाया है और जातीय आधार पर उसका उत्पीड़न जारी है। इस समाज के जनप्रतिनिधि इनको न्याय दिलाने में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे लेकिन देश में ऐसा नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर से हम शुरूआत कर रहे हैं। आने वाले समय में हम अपने जनप्रतिनिधियों का सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे।
इस अवसर पर छात्र नेता अमित सिंघानिया, सोनू बौद्ध, सोनू सिद्धार्थ, नीरज बौद्ध, सुनील चैहान, धनंजय आर्य, राजकुमार बौद्ध, भास्कर चैधरी, दीपक कुमार, जनार्दन पासवान, पवन कुमार, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
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