यही नहीं वे वेबसाइट पर लाइब्रेरी पेज को विजिट करते हुए लाइब्रेरी में उपलब्ध सभी पुस्तकों और शोध पत्रिकाओं की भी पूरी सूची और जानकारी पा सकेंगे तथा अपने रुचि की पुस्तकों की उपलब्धता की घर बैठे ही जानकारी कर सकेंगे।
DDU के मानद ग्रंथालयी प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि बीते 26 जनवरी को शिक्षको को यह सुविधा प्रदान की गई थी। गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में कुलपति प्रो. विजयकृष्ण सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि बहुत शीघ्र ही परिसर में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को भी यह सुविधा प्रदान कर दी जाएगी। आज से विद्यार्थियों को उनके ईमेल पर इस सुविधा का उपयोग करने के लिए जरूरी लॉगइन तथा पासवर्ड भेजने का काम शुरू हो गया। इसी सप्ताह तक सभी विद्यार्थियों को उनके ईमेल पर यह जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। शिक्षकों को यह सामग्री 26 जनवरी को ही उनके आधिकारिक ईमेल पर भेजी जा चुकी है।
प्रो.सिन्हा ने बताया कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर या सीधे http://ddugu.ac.in/central_library.aspx वेबलिंक पर जाकर लाइब्रेरी पेज विजिट कर सकते हैं। वहां मौजूद रिमोट एक्सेस बटन को क्लिक करने के बाद अपने लॉगइन और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए वे ये सभी सुविधाएं पा सकेगे।
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उल्लेखनीय है कि अब तक केंद्रीय ग्रंथालय से ऑनलाइन संपर्क करने के लिए विश्वविद्यालय के आतंरिक संचार नेटवर्क की जरूरत पड़ती थी। कई बार अनेक वजहों से शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी इस सुविधा का उपयोग नहीं कर पाते थे। रिमोट एक्सेस सुबिधा उपलब्ध हो जाने के बाद आज से परिसर के बाहर से भी अपने निर्धारित लॉग इन, पासवर्ड का प्रयोग करते हुए, अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन पर यह सुविधा प्राप्त हो जाएगी।
इससे पूर्व ग्रंथालय द्वारा गत वर्ष अक्टूबर माह में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में विशेष प्रयास करके सभी शिक्षकों तथा 12000 से अधिक विद्यार्थियों की सदस्यता का पंजीकरण भी कराया गया था ताकि विद्यार्थी उस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सुविधा से लाभान्वित हो सकें।
कुलपति प्रो.वीके सिंह बताते हैं कि विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी बहुत तेजी से उन्नत और अत्याधुनिक सुविधा संपन्न हो रही है। रिमोट एक्सेस सुविधा विद्यार्थियों के लिए बहुत बड़ा उपहार साबित होगी। वे घर बैठे उच्च कोटि की किताबें और जर्नल्स पढ़ सकेंगे। मुझे विश्वास है कि इस पहल से हमारे विद्यार्थियों, शोधार्थियों,कर्मचारियों और शिक्षकों सभी को बहुत लाभ मिलेगा. मैं इसके लिए मानद ग्रंथालयी तथा सभी ग्रंथालय कर्मियों को बधाई देता हूँ।