आपराधिक छवि वाले चुनाव लड़ सकते, सजायाफ्ता पर रोक विवि की बैठक में यह भी तय हुआ कि आपराधिक मुकदमें वाले छात्रध्छात्रा चुनाव लड़ सकते हैं बशर्ते उसको सजा न मिली हो। यानी विचाराधीन केस वाले प्रत्याशी चुनाव मैदान में आ सकते हैं। प्रो.पांडेय ने बताया कि वे प्रत्याशी जिन पर केस हैं लेकिन अभी सजा नहीं हो सकी है उनको चुनाव लड़ने की छूट है।
15 सितंबर से पहले चुनाव कराए जाएंगे प्रो.पांडेय ने बताया कि 15 सितंबर से पहले छात्रसंघ चुनाव कराए जाने हैं। इसके लिए 31 अगस्त को जिला प्रशासन से बातचीत की जाएगी। जिला प्रशासन से सहमति बनते ही चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विवि परिसर, आसपास या शहर में बैनर-पोस्टर, होर्डिंग लगाने वाले प्रत्याशी 31 अगस्त के पहले अपने बैनर-पोस्टर हटवा लें। इसके बाद विवि आचार संहिता के उल्लंघन में कार्रवाई करने को बाध्य होगा।
पहली बार बनाई गई सलाहकार समिति लिंगदोह आयोग की सिफारिशों में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति या चुनाव के दौरान किसी आरोप-प्रत्यारोप, शिकायत की जांच के दौरान चुनाव अधिकारी की मदद के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है। इस समिति में विवि के प्रतिकुलपति, समस्त डीन, प्राक्टर, रजिस्ट्रार को शामिल किया गया है। इस समिति में कुलपति भी होंगे। चुनाव अधिकारी प्रो.ओपी पांडेय ने बताया कि चुनाव के दौरान नियमों को लेकर किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति में यह सलाहकार समिति मार्गदर्शन कर सकेगी।