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डीडीयू के दो प्रोफेसर्स को यूजीसी-स्टार्ट अप ग्रांट, शोध को मिलेगा बढ़ावा

locationगोरखपुरPublished: Dec 15, 2018 04:25:36 pm

Research

Dr Archana Bhadauriya

डीडीयू के दो प्रोफेसर्स को यूजीसी-स्टार्ट अप ग्रांट, शोध को मिलेगा बढ़ावा

गणित की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ.अर्चना भदौरिया करेंगी एमडीआर-टीबी पर शोध

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के गणित विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ.अर्चना सिंह भदौरिया गणितिय माॅडल से टीबी के रोकथाम के उपाय का पता लगाएंगी। इसके लिए यूजीसी स्टार्टअप रिसर्च ग्रांट उनको मिला है।
डाॅ.भदौरिया लखनउ विवि से एमएससी गोल्ड मेडलिस्ट रहीं हैं और वहीं से शोध करने के बाद डीडीयू में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त है। डाॅ.अर्चना भदौरिया ने कैंसर ने गणितिय माॅडल द्वारा कैंसर, मलेरिया, एच1एन1 फ्लू आदि बीमारियों की रोकथाम पर महत्वपूर्ण शोध किए हैं।
इस नए प्रोजेक्ट के तहत वह अब गणितिय माॅडल से एमडीआर-टीबी और इससे होने वाली जटिलताओं के संबंध में शोध कार्य करेंगी।
Dr Ambrish Srivastav
भौतिकी के प्रोफेसर को भी मिला दस लाख का ग्रांट

विवि के भौतिकी के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ.अंबरीश कुमार श्रीवास्तव को प्रयोगशाला विकसित करने के लिए दस लाख रुपये का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्टार्ट-अप ग्रांट दी जाएगी। ये ग्रांट नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रयोगशाला व्यवस्थित करने के लिए दी जाती है जिससे वो अपना शोध कार्य स्वतंत्र रूप से प्रारंभ कर सकें।
बहराइच जिले में नानपारा कस्बे के डॉ श्रीवास्तव को वर्ष 2011 में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) द्वारा जेआरएफ की परीक्षा आल इंडिया रैंक 18 से उत्तीर्ण करने के पश्चात् पीएच.डी. शोध-कार्य हेतु फेलोशिप प्रदान की गयी। इन्होने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में “एटॉमिक क्लस्टर्स के कम्प्यूटेशनल अध्ययन” शोध-विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त करने के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही “सुपर-एटॉमिक क्लस्टर्स” विषय पर पोस्ट-डॉक्टोरल शोध भी किया है।

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